श्री खेतेश्वर दाता की प्रथम मुकुंद पर सवार प्रतिमा

श्री खेतेश्वर दाता की प्रथम मुकुंद पर सवार प्रतिमा

राजपुरोहित समाज का सूर्य, संत श्री खेताराम जी महाराज "दाता" जिन्होंने अपने तप एवं त्याग से इस समाज को प्रकाशमान कर एक नई पहचान दी | उस पूजनीय दिव्य संत की मुकुंद (उनका प्रिय घोडा ) पर सवार प्रतिमा बारमेर जिले के गोलिया गाव में स्थापित की गई | आज ब्र्म्हाधाम के अलावा पुरे भारत में संत खेतेश्वर की अनेक प्रतिमाए दर्शनीय है |जिसमे "चहुमुखी प्रतिमा"भी शामिल है | गोलिया (भिंडाकुआ) गाव में स्थापित यह एक मात्र प्रतिमा है जो
घोड़े पर सवार है |मुकुंद पर सवार दाता की प्रतिमा का वैदिक परम्परानुसार
गत २२ अप्रैल २००२ को इस प्रतिमा की स्थापना की गई | ज्ञातव्य है की
बाल्यावस्था में खेताराम जी की सगाई गोलिया गाव में की गई थी | लेकिन इन
महापुरुष ने उस कन्या को अपनी धर्म बहिन बना दिया | गोलिया गाव के लोगो इस
बात पर गर्व है की 'सगाई' चाहे कम समय तक ही रही लेकिन "दाता" इस गाव के
जवाई राजा है अत: इस समय गाव में "दाता" की उनकी प्रिय सवारी मुकुंद
(घोड़े) सहित प्रतिमा बनवाई गई!

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