गांव भवरानी का इतिहास

गांव भवरानी का इतिहास

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गाव भवराणी तहसील https://r8oyegintx.com/tqgii6hzr?key=0af5ca073aff76ac6b4d9042b4b5c51e आहोर
जिला जालोर राजस्थान
आज जालोर जिले का ऐतिहासिक गाव भवराणी का इतिहास आपके समक्ष रखने जा रहा हु

भवराणी:-

जालोर जिला मुख्यालय से व तहसील मुख्यालय आहोर से 30किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है
आहोर तहसील का सबसे बड़ा गाव है
इस गाँव मे लगभग 36 कॉम के लोगो का निवास है
भवराणी गाव में कुल राजपुरोहितो के 110 घर  है
जिनका विवरण:-
1.सांथूआ 40 घर
2.उदेश 20 घर
3.पांचलोड 10 घर
4.नंदवाना 15 घर
5.डावियाल 10 घर
6.राजगुरु10 घर
7.दुदावत 5 घर
सांथूआ का इतिहास
मोटलजी सांथूआ सांथू से अपने ससुराल जा रहे थे 
तभी बिस में भवराणी गाव में मोटलजी ने चौहान ठाकुर के वहा पड़ाव किया था
भवराणी सोनगरा चौहान राजपूतो का गाव था, उस समय पूरे जालोर जिले पर सोनगरा चौहानो का शासन था,तभी गाव के ठाकुर साहब ने कहा कि गुरुजी आप अभी यहां से अतिसिगर प्रस्थान कीजिये हमारे यहां वार होने वाली है ,उस समय मीणो का आतंक था, ओर वो लोग गावो पर आक्रमण करके पशु धन चुरा कर ले जाते थे,तभी मोटलजी सांथूआ ने कहा कि मैने आपके गाव का  अन्नजल ग्रहण किया है इसलिए में भी आपके साथ वार में अपना योगदान दूंगा, मोटलजी सांथूआ के साथ अपने गाँव सांथू से एक भील भी उनके साथ मे था,जब रात के समय मे मीणो द्वारा भवराणी पर वार किया गया उस समय मोटलजी सांथूआ ने अपनी वीरता का परिसय देते हुए युद्ध भूमि में लड़ते लड़ते शहीद हो गए, गाव के चौहान ठाकुर व भील भी वीरगती को  प्राप्त हुए,
श्री मोटलजी सांथूआ भवराणी में वीरगति को प्राप्त होने पर ये सूचना उनके ससुराल पहुचने पर उनकी धर्म पत्नी श्रीमती चम्पा कँवर पुत्री श्रीमान गंगारामजी पांचलोड उनके पिसे सती हुई, श्रीमती चम्पा कँवरजी पांचलोड विक्रम स्वत् 1307 वेशाग शुद 11 के दिन सती हुई,
ये सम्पूर्ण जानकारी रावजी के चोपड़े के अनुसार है,
हमारे गाँव के रावजी गाव ढाबर जिला पाली के निवासी है,
श्री मोटलजी सांथूआ का मंदिर गाँव से वाला (नदी) के ऊपर स्थित है
सती माता श्री चम्पा कँवरजी पांचलोड का मंदिर हमारे गांव के निवास स्थान के आम चोहटे पर स्थित है
इस मंदिर का निर्माण 3 साल पहले करवाया गया है
श्री मोटलजी सांथूआ व सोनगरा चौहान का मंदिर बना हुआ है उनको सांथूआ व चौहान मामोजी के नाम से पूजा जाता है!
जहा आज भी हर साल परिवार के लोग जागरण करते है
मीठी प्रसादी का भोग ही लगाया जाता है!
उस समय जालोर पर पृथ्वीराज सोनगरा चौहान का शासन था,
श्री मोटलजी सांथूआ के तीन पुत्र थे
श्रीमान डुंगरसिंहजी,करमचंदजी,पातोजी तीन भाई थे,
विक्रम स्वत 1307 में शासक पृथ्वीराज सोनगरा चौहान जालोर के द्वारा हमको जागीरी भवराणी में मोटलजी सांथूआ के तीनों पुत्रो को दी गई,
प्रथम पुत्र श्रीमान डूंगरसिंहजी को कहा कि आप अपनी धोती को पानी मे भिगोकर पहने जब तक धोती सुख जाएं उससे पूर्व मेरे घोड़े पर सवार होकर आप जितनी जमीन घेर सकते हो वो आपकी जागीरी होगी!
उस समय जालोर रोड से खण्डप रोड तक जागीरी सांथूओ को दी गई
उस क्षेत्र का नाम खोखरी व रेल के नाम से जाना जाता है!

राजपुरोहित रूपावास गांव के वीरो की गाथा

राजपुरोहित राजसिंह जी रुपावास भाग प्रथम
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पारिवारिक परिचय :-  राजसिंह जी के दादा जी बिजाजी दामावत घेवड़ा गाँव के  जागीरदार थे  , राजसिंह जी के पिता जी चोथ सिंह जी पांचवा गाँव के जागीरदार थे , आपके एक 
भाई नृसिंह जी थे 

दिल्ली दौरा :- आपके कुटुंबी भाई मूलराज जी के पौत्र कल्याण सिंह जी द्वारा आपके नाम का प्रस्ताव रखा गया था 
जिसके बाद राव मालदेव जी ने आपको दिल्ली शेरशाह सूरी
के साथ समझौता करने के लिए दल बल के साथ भेजा था
आप ने शेरशाह सूरी और मालदेव के बीच सफल समझौता कराया था, राज सिंह जी ने दिल्ली में  सूरी के साथ कई दिन बिताए , राज सिंह जी बहुत ही खूबसूरत ,विद्वान ,शांतिप्रिय, अच्छे जाने माने वकील
धार्मिक प्रवृति , वफादार, थे इसी कारण शेरशाह सूरी ने कहा कि खुदा ने आपको बहुत खूबसूरत बनाया है तो किस्मत भी 
बहुत अच्छी  होगी तो सूरी ने राजसिंह जी से कहा कि मै आपकी किस्मत आजमाना चाहता हूं कि ऊपर वाले ने आपकी किस्मत में किया लिखा है ओर चार गोणी  में अलग अलग धातु भारी गई और राजसिंह जी को कहा कि आप अपनी तलवार जिस गोणी पर रखोगे वह आपकी होगी इसमें से एक सोने की है आपको एक पर ही तलवार रखनी है तो राजसिंह जी ने अपने ईष्ट देव चारभुजा नाथ को याद करके एक पर तलवार रखी तो उसमें सोना निकला
सूरी खुश हुआ और कहा कि मुझे विश्वास था कि ऊपर वाले ने आपकी किस्मत में यही लिखा होगा ओर सोना राजसिंह को दिया गया और सुरी ने राजसिंह जी को पूछा कि आपके पास जागीर कितनी है तो उन्होंने बताया कि 4-5 गाँव है तो सुरी नाराज हो गया मालदेव पर कहा इतने बड़े बुद्धिजीवी आदमी के पास तो बहुत जागीर होनी चाहिए काम इतने बड़े बड़े कराते हैं और बदले में जागीर इनके कद के हिसाब से नहीं है आप इनको कम से कम 84 गाँव  देवो यह मेरा आदेश है तब मालदेव जी ने कहा कि पुरोहित जी को इतने सारे गाँव देना संभव नहीं है मै इनको कुछ गांव ओर से दूंगा तब सुरी ने कहा नहीं आप इनको 84 गाँव देवो जब तक राजसिंह जिंदा है तब तक गांव उनके बाद में आपके वापस  हो जाएंगे और मालदेव जी ने आदेश का पालन किया , राजसिंह जी को शेर शाह सूरी ने 500 बल सोना ओर एक निंबोरा दिया और निंबोरा ए हक़ भी दिया मतबल यह एक नगाड़ा होता था जिसको राजा महाराजा अपने राज्य  या कहीं बाहर जाते समय बजाते थे जिसे आसानी से पहचाना जाता था कि यह उनका नगाड़ा है लेकिन नगाड़ा ए हक़ पूरे भारत में बजा सकते थे जो राजसिंह जी को भी दिया गया था यह बजाने से 
सबको मालूम पड़ जाता की कोन आ रहे हैं ओर सुरी ने राजसिंह जी को आदेश भी दिया था कि आपका काफिला जिस नगर में रुकेगा वहा आपको लूटपाट करनी है यह हमारा रिवाज है आप हमारे सहयोगी मित्र है इसलिए इस रस्म को अदा करना जरूरी होता है 
राजसिंह जी दिल्ली से मारवाड़ की ओर रवाना हुए तब उन्होंने सोने की बोरी को तलवार से काट काट कर के सोने की मोहरे सड़क पर बिखेर दी और दिल्ली की गरीब जनता 
वो सोने की मोहरे लेने वालों की भीड़ उनके पीछे पीछे चल रही थी यह खबर जब शेर शाह सूरी को मिली तो वह गुस्सा हो गया और राजसिंह जी को वापस बुलाया की आप यह क्या कर रहे हों मैने तो सोना आपको दिया और आप सड़कों पर उछाल रहे हो यह हमारी तौहीन है , आपने ऐसा क्यों किया तब राजसिंह जी ने कहा कि मेरी किस्मत मै
तो सब कुछ लिखा है कोई चीज की कमी नहीं है तो में यह सोने की गोनी साथ ले जाने की बजाय गरीबों में बांटने का फैसला लिया इनके चेहरों पर खुशी देखना चाहता था कि कभी इनकी किस्मत भी खुल जाए मेरी वजह से तो मुझे अच्छा लगा और इस सोने पर मेरा अधिकार था मुझे इसको किस जगह पर काम लेना था यह भी मेरा अधिकार था तब सुरी
मान गया कि चलो गरीबो का भला हुआ आप कितने दानी पुरुष हो यह भी मुझे आज पता चल गया  अब आप ज़ावो
राजसिंह जी दिल्ली से आते समय रात्रि विश्राम टोंक में अपना पड़ाव डाला रात में सब निंद्रा में थे तब आकाशवाणी हुई कि हे वीर प्रोहित तुम मेरी इस नगरी को मत लूटना यहां के लोग मुसलमानों से बहुत दुखी है ओर प्रोहित किसी दीन दुखियों को नहीं लूटता यह प्रोहितो का कार्य नहीं है आपका कार्य परायो का हित करना है , अहित मत करना यह आवाज सिर्फ राजसिंह जी को ही सुनाई दे रही थी तब राजसिंह जी ने पूछा हे प्रभु आप कोन हो मै आपका आदेश 
मानता हूं तब आकाश वाणी हुई मै तुम्हारा इष्ट देव हूं तब राजसिंह जी ने कहा मेरे इष्ठ देव तो चारभुजा नाथ है तो उन्होंने कहा हां मैं वहीं हूं मेरा यहां मंदिर है तुम्हारे पड़ाव से उत्तर दिशा में एक पुराना मंदिर है मेरी पूजा पाठ कोई नहीं
करता मै अब यहां नहीं रहना चाहता हे प्रोहित तुम मुझे अपने साथ  ले चलो यह सुनकर राजसिंह जी प्रातः उस मंदिर में जाते है तो मंदिर मुस्लिमो द्वारा तोड़ा हुआ ओर जीर्ण शीर्ण अवस्था में होता है वे उस मूर्ति के दर्शन करने के बाद उसे उठाने लगते है पर मूर्ति हिलती भी नहीं तब वो मूर्ति खुद बोल पड़ती हैं कि हे वीर प्रोहित आप कल पीत वस्त्र पहन कर आना ओर हाथ आगे करना मै स्वयं तुम्हारे हाथों में आ  जाऊंगा तब राजसिंह अगले दिन वैसा ही करते हुए हाथ आगे करते है तो मूर्ति उनके हाथो में आ जाती है इतनी भारी मूर्ति 
उनको फूलों से भी हल्की लगती हैं राजसिंह उस मूर्ति को अपने साथ हाथी पर सवार होकर अपने हाथो में थाम कर 
मारवाड़ में रूपावास गाँव में एक छतरी बनाकर उसमें रख देते हैं कुछ समय के लिए, राजसिंह जी जोधपुर मालदेव जी को सारा घटना क्रम बताते हैं ओर उनको वापस राजा बनाते हैं तब राजसिंह जी को कुछ गाँव देते है ओर वे 84गाँव अलग से देते हैं लेकिन उन गांवों के बारे में पता नहीं चला कि वे कहा थे ओर कितने साल राजसिंह जी के पास थे राजसिंह जी ने चारभुजा के मंदिर का शुभ मुहूर्त  पंडितो से निकलवाया ओर गाँव  रूपावास 
में भव्य मंदिर बनाया ओर चारभुजा नाथ की मुंहबोली मूर्ति की स्थापना की  , राजसिंह जी ने इस मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा
में बहुत धन राशि खर्च की , प्रतिदिन अब रूपावास में चमत्कारिक मूर्ति की पूजा पाठ नियमित रूप से दिन में चार बार आरती होनी लगी प्रात: कालीन , सेवा की आरती, संध्या कालीन, ओर शयन आरती होनी लगी जो आज तक हो रही है 

निर्माण कार्य :- राजसिंह जी ने चारभुजा नाथ का मंदिर बनाया ओर उसी समय रावला (बड़ी पोल)ओर एक बहुत बढ़िया बावड़ी का निर्माण भी कराया गया बावड़ी को पत्थरों से पक्की बांधी गई और उसका नाम अपनी ठकुराईन के नाम
फूला दे के नाम फूल वाव रखा गया था , एक तालाब भी बनाया था जिसका नाम उनकी दूसरी ठकुराईन राजल दे के नाम पर रखा गया था , ओर एक रोज नियमित रूप से गरीबों को दान देने के लिए चोकी का निर्माण किया गया था जिसे 
धरमादा चोकी कहते है , कीर्ति स्थंब भी बनवाया था जो आज भी मौजूद है उस पर शिलालेख अंकित है 

धरमादा चोकी:- राजसिंह जी बहुत दानी पुरुष थे जब मंदिर की स्थापना की गई थी तब सम्पूर्ण राजपुरोहित समाज को आमंत्रित किया गया था ओर मंदिर स्थापना के बाद धरमादा चोकी राजसिंह जी ने अपने वजन के बराबर सोना व रूपा तोला , उनके बाद उनकी दोनों रानियों ने भी अपने वजन के बराबर सोना व रूपा  तौलकर गरीबों को दान कर दिया, इसी चौकी पर राजसिंह जी रोज गरीबों को दान देते थे इसलिए इस चोकी को धरमादा चौकी कहा जाने लगा आज भी यह चौकी रूपावास में है

जागीर गाँव :- राजसिंह जी के बारे में कहा जाता है कि इनको 
84गाँव  आजीवन यानी जब तक जीवित रहते है तब तक गाँव  उनके रहेंगे बाद में वापस जप्त हो जाएंगे इसीलिए यह गाँव  कहा थे ओर कितने साल राजसिंह जी के पास रहे कोई 
ठोस आधार नहीं मिला लेकिन इनको ओर भी गाँव  दिए गए थे जिनमें से प्रमुख रूपावास जिसे राव मालदेव जी द्वारा सोना निवेश ठिकाणा की मान्यता प्राप्त थी बाकी सभी गाँव  रूपावास ठिकाणे के अधीन थे कुछ गाँव  उनके वंश जो द्वारा बसाए गए थे , मोहराई, पांचवा, बांता , बड़ियालो, खातियो की बासनी आदि मोहराई गाँव  राजसिंह जी के पुत्र महेशदास जी ने संवत 1600 में बसाया था , पांचवा गाँव  में  भी  राजसिंह जी के वंशज रहते है

राजसिंह जी के पूर्वजों ओर वंशजों को एक चाट के माध्यम से 
समझते हैं 

           बिजड़ जी 
          हरपाल जी 
          दामा जी 
         बीजा जी
         चोथ जी 
_______1____________2__________
        राजसिंह जी      नृसिंह जी 
             ! 
_____1_______2___________3__________4___
-
वेरीसाल जी, महेश दास जी,  कान सिंह जी  ,रायसल जी
 
____________________________________________
                 वेरीसाल सिह जी 
                       !
 ___1___________2__________3______
जसराज जी  चांद सिंह जी।    रूप सिंह जी   

____________________________________________
             रायसल सिंह जी राजावत 
इनके 5 ठकुराईन ओर 14 पुत्र हुए थे कहा जाता हैं कि आठ 
 पुत्र बाल्यकाल में ही नहीं रहे शेष 6 पुत्रों की ओलाद हुई
ओर रूपावास ओर मोहराई में इनके वंशज आज भी रहते हैं
 
1. हेमराज सिंह जी  
2. सांवल सिंह जी 
3. जय सिंह जी 
 इन तीनों भाईयो की छतरीया रूपावास के नेनकिया तालाब पर आज भी है 
4. उदय सिंह इनकी छतरी सुमेल गिरी में है 
5. अचल दास जी 
6. ठाकुर दास जी 
अचल दास जी ओर ठाकुर दास जी के काका महेश दास जी निसंतान थे लेकिन महेश दास जी
ने मोहराई गाँव  बसाने के लिए अचल दास जी ओर ठाकुर दास जी को गोद लिया और उनको अपने साथ मोहराई ले गए और मोहराई गाँव बसाया था 

आज भी रूपावास में पांच हैंस (भाग) है जिनके नाम इस प्रकार है
1. हेमराज सिंह जी की बड़ी हैंस कहलाती है 
2. सांवल सिंह जी की हैंस 
3. उदय सिंह जी की हैंस 
4. जयसिंह जी की हैंस 
5. वेरीसाल जी की हैंस 
इन सभी हैंसो के दमामी अलग अलग है इसलिए रूपावास
में जब लड़की की शादी होती हैं तो सम्हेला में बारात का स्वागत सभी हैंस के दमामी अपने अपने ढोल बजाते हैं 
5 ढोल बजते हैं जो एक अपने आप में गाँव की विशेषता है
राजसिंह जी के पुत्रों के बारे में अलग से पोस्ट करेंगे 
राजसिंह जी के पुत्रों का भी गौरवशाली इतिहास रहा है इनके 
परिवार कई शूरवीर शहीद हुए ओर उनके पीछे सती भी हुए हैं जिसका विवरण इस लेख में दे देता हूं 

1.राजसिंह जी के पीछे उनकी दोनों रानिया फूलादे ओर राजल दे महासती हुए हैं
जिनकी छतरीया आज भी रूपावास गाँव में  बड़ा तालाब पर
है राजसिंह जी की छतरी है या नहीं इसके बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हुई कि वे शहीद हुए थे या नहीं 

2.वेरीसाल सिंह जी राजावत आप भी शहीद हुए , आपकी 
   छतरी हिंगावास गाँव के तालाब पर हिंगावास ओर विरावास
   के बीच इनके तीन रानियां थीं , इनके पीछे तीनों रानियां  
     सती हुई थी जिनकी छतरीया आज भी तालाब के बंधे
    पर स्थित है     
   

3. कान सिंह जी राजावत  आप जोधपुर में शहीद हुए
    आपकी 
     घोड़ी राजकुमार को पसंद आ गई और आपने नहीं दी
    तो साजिश कर आपको धोखे  से मारकर घोड़ी ले ली
   इस घटना के बाद राजसिंह जी ने जोधपुर को त्याग दिया 
    था 

4. महेशदास जी राजावत आपका घोड़ा हंस भी जोधपुर
    दरबार को पसंद आ गया लेकिन आपके नहीं देने के 
   कारण आपका पीछा किया लेकिन आपने घोड़े का ओर 
   अपना सिर धड़ से अलग कर दिया आपकी ठकुरानी सती 
   हुई जिनकी छतरी मोहराई गाँव में है आपकी भी छतरी

   घोड़े हंस का चबूतरा मोहराई गाँव में  आज भी है 

5.  उदय सिंह  आप सुमेल गिरी के युद्ध में 
    प्रताप सिंह जी मूलराजोत के साथ शहीद हुए 
    इनकी छतरी भी बनी हुई है लेकिन अभी देखरेख ओर
    निगरानी में रखना बहुत जरूरी है 

6. हेमराज सिंह जी आपकी छतरी रूपावास में बनी है 

7. सांवल सिंह जी  आपकी छतरी भी रूपावास में बनी हुई हैं

8. जयसिंह जी आपकी छतरी भी रूपावास में बनी हुई हैं
 
 6,7,8, आप तीनों भाइयों की छतरी रूपावास के नेनकिया
  तालाब पर बनी हुई हैं यह तीनों भाई कहा शहीद हुए इनका 
  इतिहास  मालूम नहीं हो सका 

राजसिंह जी के पुत्रों ओर पोत्रो के पास अच्छे नस्ल के 
घोड़े थे जो जोधपुर दरबार के राजकुमारों को बहुत पसंद आते थे इसलिए उन्होंने राजसिंह जी के दो पुत्रों को घोड़ों के
लिए मार डाला 

दोहे:- १. राजसिंह जी आवे हाथी पर , रस्ते रुकिया रात ! 
             रात में आवाज आई, माने ले चालो साथ !! 
       
        २. खुद रे बराबर सोनो तोलियो वा जागा भी है उठे !
           धरमादा चौकी केवे , राजसिंह जेडा दानवीर कठे !! 


लेखक :- महेंद्र सिंह सेवड़ राजपुरोहित
           गांव :- ढण्ढोरा  तह: भोपालगढ़ 
          जिला :जोधपुर हाल: चेन्नई 
          संपर्क : 9840654779

संदर्भ : -  रूपावास  राव जी की बही के अनुसार कवि
            दलपत सिंह जी ने अपने हाथ से लिख कर रखे 
            पन्ने , 
            कवि दलपत सिंह जी ओर गजसा रूपावास  
            का विशेष सहयोग रहा है

विरांगना सुजा कवर का इतिहास

राजपुरोहित समाज की वेबसाइट पर आपका स्वागत है

राजस्थान की इस बहादुर स्त्री जिसने पुरूष वेश में स्थानीय लोगों का नेतृत्व किया और युद्ध में सेना का नेतृत्व करते हुए अंग्रेज सेना को हराकर भगा दिया राजस्थान की जनता को ये जानना जरूरी है। जिस प्रकार झांसी की रानी ने अंग्रेजी सत्ता के विरूद्ध संग्राम का शंखनाद किया ठीक उसी तरह वीरांगना सुजा राजपुरोहित ने राजस्थान में अंग्रेजी सेना का मुंहतोड़ जवाब दिया और विजेता रही। यदि वीरांगना सुजा को राजस्थान की लक्ष्मीबार्इ कह दिया जाये तो कोर्इ अतिश्योकित नहीं होगी। सुजाकंवर का जन्म 1837 के आसपास तत्कालीन मारवाड़ राज्य के लाडनू ठिकाने (वर्तमान में लाडनू शहर) में एक उच्च आदर्शो वाले परिवार में हुआ था। उनके पिता हनवंतसिंह राजपुरोहित के तत्कालीन ठिकाने का ठाकुर बहादुरसिंह राजपूत से मधुर और प्रगाढ़ संबंध थे। इसलिए ठाकुर परिवार के बच्चों के साथ रहते हुए सुजा ने बचपन में ही खेल-खेल में घुड़सवारी तथा तलवार, तीर और बंदुक चलाना सीख लिया। सुजा कितने आत्मसम्मान वाली शक्ति  स्वरूपा लड़की थी इसका परिचय तभी मिल गया जब 1854 में आसपास उनका विवाह तत्कालीन किशनगढ़ रियासत के अंतर्गत बिली गांव के बैजनाथ सिंह राजपुरोहित के साथ हुआ। विवाह के तुरन्त बाद जब वह अपने ससुराल जा रही थी और डाकुओं ने नवदंपती को घेर लिया और पति ने कह दिया कि आभूषण लुटेरों के हवाले कर दो तब उन्होने झट से पति की तलवार खींचकर डाकू सरदार को मार गिराया तथा अन्य को मार भगाया। मगर इसके साथ ही उन्होने अपने कायर पति के साथ जाने से इनकार कर दिया और जीवनपर्यन्त पुरुष वेश में जनसेवा में जुटने का संकल्प ले लिया। सन 1857 में अंग्रेजी सेना, जिसे काली-गारी सेना कहा जाता था की एक टुकड़ी ने लाडनू क्षेत्र में अचानक आक्रमण कर मारकाट शुरू कर दी। इसकी सूचना जब लाडनूं ठिकाने के ठाकुर बहादुरसिंह को लगी तो वे हतप्रभ रह गए। उनके पास विरोध का सामथ्र्य और सेना नहीं थी। ठाकुर बहादुरसिंह अपने विश्वस्त सिपाहियों के साथ इसी विषय पर बातचीर कर रहे थे कि अचानक मर्दाना वेश में घोड़े पर सवार वीरांगना सुजा कंवर ने अपने हाथ में लम्बछड़ बन्दूक लहराते हुए सिंह गर्जना कर कहा - ठाकुर साहब! आप हिम्मत रखो। जब तक आपकी यह बेटी सुजा राजपुरोहित जिंदा है तब तक काली-गोरी सेना तो क्या उसकी परछार्इ भी इस ठिकाने को छू नही सकती। शीघ्र ही वीरांगना सुजा के नेतृत्व में एक सेना का गठन किया गया। राहू दरवाजे पर मुख्य मोर्चा बनाया गया। काली-गोरी सेना ज्योंहि लाडनूं पर आक्रमण करना चाहती थी उसी वक्त वीरांगना सुजा राजपुरोहित रणचंडी का रूपधारण कर दुश्मन पर टूट पड़ी। दुश्मन सेना को इस बात का अहसास तक नहीं था कि यहां कोर्इ हमारा मुकाबला इस तरह कर सकता हैं। वीर और वीरांगनाओं की वीरता देखकर अंग्रेज सेना में हाहाकार मच गया। दुश्मन सैनिक प्राण बचाकर भागने लगे। मातृभूमि और आम जनता के प्राणों की रक्षार्थ इस संग्राम से यह सिद्ध हो गया कि भारतवासी अंग्रेजी सत्ता को जड़ से उखाड़कर फेंक देंगे। हालांकि इस संग्राम में लाडनूं के कर्इ वीर भी वीरगति को प्राप्त हुए, वीरांगना सुजा राजपुरोहित भी घायल हो गर्इ। अपने शौर्य का परचम लहराने वाली 20 वर्षीया वीरांगना सुजा राजपुरोहित अपने साथियों के साथ जयघोष करते हुए जब युद्ध जीतकर लौटी तो लाडनूं ठाकुर ने उन्हे राजस्थानी पाग पहनाकर सम्मानित किया। उन्हे तलवार भेंटकर सुजा राजपुरोहित की जगह वीर सूरजनसिंह राजपुरोहित का खिताब दिया। ठाकुर बहादुरसिंह ने वीरांगना का मान बढ़ाने हेतु कर्इ घोषणाएं की जिनमे मुख्य थी - सुजा सदैव मर्दाना वेश में अपनी कमर पर तलवार बांधे रहेंगी। सुजा के आने पर राजपरिवार सहित आम नागरिक खड़े होकर उन्हे सम्मान देंगे। आपसी झगड़ों, विशेषकर महिलाओं के झगड़ों का निबटारा करने हेतु सुजा का फैसला मान्य होगा और क्षेत्र में आयोजि होने वाले उत्सवों में सुजा को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाना आवश्यक होगा। 1902 के आस पास, इस महान वीरांगना सुजा राजपुरोहित का स्वर्गवास हो गया। आशा की जानी चाहिए कि सुजा के कारनामों पर और अधिक शोध होगा और उन्हे विस्मृत नहीं किया जाएगा

राजपुरोहितो का बलिदान


हा में राजपुरोहित हु

 में अगर अपना प्रमाण पत्र देखू, तो उसमे राजपुरोहित लिखा गया है। यधपि मारवाड़ आंचल के बहार  इस जाती के  बारे में कम लोग ही जानते हैं। तो में आपको इस जाती का ऐतिहासिक परिपेक्ष में जाकर जानकारी देना चाहता हूं। यधपी जिस वर्ग मे में जन्मा हूं, तो बताता हूं, हां मे राजपुरोहित हूं। ब्राह्मण वर्ग में जन्म लिया। युद्ध जैसे क्षत्रीयोशित कर्म भी किए। एक अनोखी जाती हूं, जिसमें ब्राह्मण के गुण और क्षत्रियों के कर्म दोनों स्थापित हैं।
 
खान-पान में मांस -मदिरा से सदा दूर रहता हूं, पर मारवाड़ में ऐसा कोई युद्ध नहीं लड़ा गया, जिसमें मेरी सहभागीता नहीं रही हो, गांव-गांव में प्यारे मारवाड़ के लिए लड़ा-कटा, मरा में, कभी गौ माता की रक्षा के लिए कभी नारी के सम्मान के लिए, शायद ही ऐसा कोई गांव हो जिसमे मेने मामाजी और सती के रूप में सत्य एवं न्याय कि रक्षा के हेतू, अपने प्राणों सर्ग ना किए हो, में कभी राजा तो नहीं रहा, लेकिन राठौड़ सता जोधपुर में स्थापित हुई, उसमे मेरा योगदान रहा है। जो आज भी स्वर्णीम अक्षरों में अंकीत है। राठौड़ो के आदीपुरूष राव सिंहजी के साथ राजपुरोहित देवपालजी बनकर आया। जिसका राठौड़ सता स्थापन में योगदान रहा। कभी प्रतापसिंह बनकर गिरी सुमेल के युद्ध में अप्रतीम सोर्य दिखाकर राव मालदेव का माथा ऊंचा किया। कभी दलपत सिंह बनकर धर्मत का युद्ध ओरंगजेब के खिलाफ लड़ा, जिस प्रकार में लड़ा उसको याद करके तत्कालीन महाराज जसवंतसिंह जी भी फुट-फुट कर रोए। कभी केसरसिंह बनके अहमदाबाद युद्ध में मारवाड़ की ओर से लड़ते हुए महाराज अभयसिंहजी को विजय श्री दिलवाई। कभी गुमानसिंह बनकर राजा मानसिंह के प्राण बचाएं। उन पर चले वार को  खुद के उपर लेकर प्राण त्याग दिए, लेकिन मारवाड़ का मान कायम रखा।  कभी बीकानेर में वीर जगराम जी बनकर बीकानेर की रक्षा की।
इसके बाद उनके राज परिवार का विवाह मेरे आशीर्वाद लेकर ही  संपन्न होता है। वैदिक काल की बात करे, तो मैने ब्रह्मवंशी दधीचि बनकर संसार की रक्षा हेतु अपनी हड्डियां तक दान दे दी। कभी परशुराम बनकर आतितायो का संगार किया। और अहंकार में मधमय में क्षुर राज वंशियो को मर्यादा का पाठ कराया। कभी द्रोणा बनकर पांडवो को धर्म की  स्थापना के लिए शिक्षित किया। फिर हजारों साल तक निर्धन रहा। भूखा -प्यासा रहा लेकिन सनातन की रक्षा के लिए वेदपुराण गा-गा कर सुनाता रहा,पर धर्म को जिवित रखा। फिर मध्यकाल के कालखंड में मेने चाणक्य बनकर अहंकार में डूबे धनानंद को पद चिद्घित कर चन्द्रगुप्त जैसे बालक को पदाचित किया।
और तभी मेरी सीखा खुली।
सरक संहिता और सूचुक संहिता जैसी पुस्तके मेने लोक कल्याण हेतु रची। जब मेरा इतिहास देखोगे, तो केवल और केवल त्याग दिखेगा। पाली की रक्षा हेतु पालीवाल बनकर लड़ा- मरा में पर स्वाभिमान पर आंच न आने दी। कभी अन्याय के विरूद्ध मैने एक क्षण में कुलधारा के 84 गांव त्याग दिए थे। मेने अपने मारवाड़ के प्रति कभी द्रोह नहीं किया, गद्दारी नहीं की। अभी भी आश्यकता आन पड़ी, तो में प्राण तक देने के लिए तत्पर रहूंगा। मेरे खून में केवल त्याग और त्याग है।

राजपुरोहित ने कोरोना से बचाब के लिए वितरण किये मास्क

राजपुरोहित ने कोरोना से बचाब के लिए वितरण किये मास्क

बालोतरा। वर्तमान में महामारी(कोरोना वायरस) का संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए। जहाँ सरकार ने लॉक डाउन किया तो सभी के प्रतिष्ठान इन दिनों बन्द थे। इसी बिच समय का सदुपयोग करते हुए समाज सेवी चैनसिंह सिया राजपुरोहित ने अपने परिवार के सदस्य भावना,संगीता,बसंती,पिंका,और जानवी की मदद से 
मास्क सिलाने का कार्य शुरू किया। सोमवार(4 मई 2020) को बिठूजा कस्बे के भिण्डाकुआँ गाँव मे समाज सेवी चैनसिंह s/o लुणसिहजी राजपुरोहित ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए । बलोतरा के SDM को 800 मास्क हस्तनिर्मित मास्क दिए। और 100 मास्क बालोतरा के पुलिस प्रशासन को। ओर 100 मास्क ग्राम पंचायत    बिठूजा को दिऐ । कुछ दिन पहले दो हजार मास्क ग्रामीणों में बाटे। 

राजपुरोहित समाज के युवा और समाज सेवी विश्व मे फेली महामारी से बचने उन गरीब व्यक्तियों के लिए घर पर मास्क तैयार कर वितरित किये 

दिल से सलाम ऐसे समाज युवाओ को

राजपुरोहित गौत्र के शासन गांवो को जानकारी


राजपुरोहित गौत्र के शासन गांवो को जानकारी



1.मय्या
मय्यो का बाड़ा

2.सोमडा
सुराणी(शेरगढ़)


3.सेपाऊ
सेपाऊ की बासनी(जोधपुर)मायलावार

4.डिंगारी
डिंगारी

5.डाईयाल
साथूनी(बाड़मेर)केलणकोट

6.केसरिया
परालिया,तुलेसर(जोधपुर)लखा

7.हलिया
हलिया

8.सोथड़ा
काकेलाव, मोटी(सोथडान

9.उदेश
उदेशो का गांव(देवड़ा चौहान के राजपुरोहित)

10.पचलोड
मुम्बारी रमणिया,बागलोप,धरमधारी

11.चावण्डिया
भैसेर(चावण्डिया),चावण्डा(पराशर गोत्र के होते हुए भी उन्होंने माता का इष्ट किया जिससे इनका नाम चावंडिया पड़ा हालांकि यह पांचलोड है

12.केवणचा
खडोकरा,ठाकुरला( उदयपुर राजघराने से इन्हें ये शासन का मिले

13.सिया
भाटेलाई मेघलासिया,भिंडाकुआ(सियों का गोलिया) हिगोला बम्बोर

14.बोतिया
बोतिया(बाड़मेर) आसलखेड़ी(बीकानेर)

15.दुदावत
अराबा,कुआरड़ा व दुदो का बाड़ा

16.रायथला
रायथल

17.पिण्डिया
लुणावास(जोधपुर)
कहा जाता है कि लंगेरा से उठे हुए हैं तथा बाद में पिण्डिया नाम के एक पूर्वज के नाम पर इस जाति का नाम पड़ा

18.गुंदेचा
मादा बारवा नोरवा निम्बाडा वारका लोपी कुरड़ी

19.सोढा
तरसिगड़ी,सिमरखिया,महोक,खारोडा,
मेगावास,नगारोवास,डाहारो

20.सिद्धप
जुडिया,टिबाणीया,फुलासर, अणरवोल,सोवा

21.राजगुरु
अजारी,सिलोर, डोली,रडवा,बालासर,बिसु बालेरा,उटाम्भबर,राजगुरो की बासनी,लगेरा,पताऊ,

22.मनणा
मनणो री बासनी,सरवड़ी, कालूड़ी,नारनाड़ी, बिलासर, पटाऊ रो वास

23.जागरवाल
पुनाडिया, ढोला का गांव,आकदड़ा,ढारिया,सुकरलाई, चाचोड़ी,खेड़ी,आऊवा, रेवतड़ा,केवला

24.मुंथा
घेनड़ी, पिलोवणी, रुघडी,वणदार,शिवतलाव

25.फोदर
बसन्त,सेपटावास,अर्थण्डी

26.व्यास
शंखवाली

27.साथुआ
साथु

28.चिरक
बिसुकल्ला(बाड़मेर)

29.मावा
पुसड़(बाड़मेर)

30.रायगुर
साकरणा, गोविंदला,ढाबर,पुनायता,रावलवास,आकेली, पातवा,विगरला,सोकड़ा, मादडी टुकड़ा

31.सेवड़
तिंवरी,कनोडिया,बडिया वाकली,टिहलु ,भेड़
बीजवाडिया,ओसिया का बडावास,
सलखावासी,साकडिया,कोलू,जाटियावास,गेहुआ,बागा,बड़ली,सूराननो,भावण्डा,
सीतापुर,निम्बारी तलाई,मांगलियावास,बडलिया,रतनपुरा,चावंडिया मेड़ता,पुरोहितासनी,थोब,
पापासणी,तोड़ियाणा,खाराबेरा, चाड़वास,बड़ी बावड़ी ,डोडू, राजाबासनी,
मेंहरि,बाड़ा खुर्द,धोलेरिया शासन,मड़ियाई खुर्द,थोतोप,घटियाला,देवावासनी,
आसरावा,तोलियासर,बगवी,नाहरवा(नागौर),ढंढोरा,खेड़ापा,घेवड़ा,रूपावास,मोहराई,
तालकिया,खीचन,धुरासनी,धुण्डियाडी,भटनोका,मलपुरिया,बिकरलाई,बड़ोभोजासर,
कल्याणसर,कोटरी,आडसर,बातारेख,चाकरी,देसलसर,हियादेसर,झुंझुन्डा,रासेसर,
धीरदेसर,सुवाई छोटी,सुवाई बड़ी,धोलेसर,किशनासर,छोटी बावड़ी,सिणीया,ढाबरवास,
बीती,कल्याणपुर,साजनसर

32.बलूचा
पुराडा, पराखिया

33.थानक
झाबरा, खीचूध का वास, सणतरा

34.बालकिया
साथुनी,केलनकोट, ददरेवा

35.जोशी
पटोधिरो

36.भावरिया
कालोब,मालानी

37.पुणायचा
नागोणो रो वास

38. बोतीया
बोतिया(बाड़मेर), आसलखेड़ी(बीकानेर)

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श्री खेतेश्वर ग्रुप प्रश्न प्रतियोगिता



प्रश्न-1-सन्त तुलसाराम जी महाराज के शिष्य ध्यानाराम जी महाराज के कितने भाई है नाम बताओ ? (ध्यानाराम जी सहित)
(2)पांच भाई
     (१)अमर सिह जी
    (२) हरी सिह जी
    (३)श्री ध्यानारामजी
    (४)पुनम सिह जी
   (५)जबर सिह जी
विजेता-जितेंद्र सिंह तरामकोटि फूलन
9110450440

प्रश्न-2-(१)आसोतरा धाम ब्रह्माजी मंदिर के द्वार पर दो विशाल हाथी के ऊपर कौन - कौनसे देवता विराजमान है ?
(२)ब्रह्ममा जी के मिन्दर का ईन्डा किस लाभार्थी ने चडाया व किस गाव के थे ?
उतर-:-इन्द्रदेव और कुबेर भगवान
(२)रतना जी त्रीरोम कुटी कुंडल
विजेता-हस्तीमल त्रामकोटी पादरू
9166741196

प्रश्न-3-संत श्री 1008 श्री बालक दास जी महाराज का कौन सा गांव है और उसके माता पिता का क्या नाम है?
उत्तर (1) गांव का नाम सांडेराव
(2) माता का नाम नाजू बाई
(3) पिता का नाम दौलत राम जी
विजेता-महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
9966402435

प्रश्न-4-(१)सन्त श्री तुलसाराम जी महाराज के दादाजी का नाम बताओ
(२)श्री झुंझार नरपतसिंहजी सिनेर के माता पिता का नाम बताओ
उतर-(१)स्वरूप सिंह जी
(२)पिता का नाम आनंद सिंह जी
माता का नाम सीता देवी
विजेता-सज्जनसिंह सेवड़ रुपावास
7984936344

प्रश्न5 (१)पाली जिले के कौनसे गाव में खेताराम जी ने अम्बे माँ का भव्य मंदिर बनाया था।उस स्थान पर वर्तमान में खेताराम जी का मंदिर स्थित है ?
(२)महामंडलेश्वर निर्मलदास जी का पैतृक गांव कोनसा हैउतर-:-(१)पाती गांव
(२)निर्मलदासजी का गांव-:-भदरुणा
विजेता-महेंद्रसिंह केसरिया देवड़ा
9966402435

प्रश्न 6 (१)सन्त श्री तुलसाराम जी महाराज ने 39 चतुरमार्च में से कितने चतुरमार्च ब्रह्मधाम आसोतरा पर किये है ?
(२)संत श्री 1008 बालक दास जी महाराज का चतुरमार्च इस बार कहां है ?
उतर-(१)20,वा
(२)कात्रज कोढवा,पुणे महाराष्ट्र
विजेता-गोविंद सिंह सेवड किशनासर
9503141033

प्रश्न7-गुरुमहाराज श्री खेराराम जी महाराज ने कोनसे गांव को अपना स्टेट बैंक बताया था ?
२)श्री खेतेश्वर भगवान गुजरात मे किस स्थान पर कौनसी जाति वाले भक्त के घर पर विश्राम करते थे(स्थान नाम और जाति सहित बताए)
उतर-(१)ओडवाडा
(२)खेता रामजी महाराज अहमदाबाद के मफत लालजी  लोहार के घर पर ही विश्राम करते थे
विजेता बाबू सिंह राजगुरु भवरानी
6309331055

प्रश्न 8-(1)शेरसिंहजी(खेताराम जी के पिता) के कितने पुत्र थे और उनका नाम बताओ ?
उतर-:- (1)शेर सिह जी के 3 पुत्र हुए
               १.श्री भोम सिह जी
               २.श्री हुकम सिह जी
               ३.श्री खेतसिंह जी(खेतेश्वर महाराज)
विजेता-महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
9966402435

प्रश्न9-धनुर्धर गुरूभक्त एकलव्य के माता पिता का क्या नाम है और उसने अपने गुरू को दान सवरूप मे क्या अर्पित कर दिया?
उत्तर-:-(1)पिता-निषाद राज हिरण्यधनु
           माता-सुलेखा
           गुरु-द्रोणाचार्य को
       (2)दान में अगूंठा  दिया
विजेता-योगेंद्र सिंह मुथा बिजयनगर
9492707007

प्रश्न- (1)श्री राम और शबरी का मिलाप कोनसे सरोवर के निकट हुआ था ?
(2) हनुमानजी के समुद्र लांघने के समय कौन सा पर्वत समुद्र से निकल पड़ा था ?
उत्तर-:-(1)पम्पा सरोवर के निकट।
          (2)मैनाक पर्वत
विजेता-योगेंद्र सिंह मुथा बिजयनगर
9492707007

प्रश्न11-(१)उस भारतीय सैनिक का नाम बताओ जो कारगिल योद्ध के दौरान मृत घोषित हुए थे और वापस जिंदगी से जीत कर प्रथम भारतीय ब्लेड रनर भी रह चुके है ?
(२)कारगिल युद्ध 1999 में भारत के कितने वीर शहीद हुए थे ?
उतर-(१)मेजर देवेंदर पाल सिंह
(२)527
विजेता-योगेंद्र सिंह मुथा बिजयनगर
9492707007

प्रश्न12(१)सती प्रथा का अंत करने के लिए किस भारतीय नेता ने प्रयत्न किए?
(२)गौतम बुद्ध को बोधगया मैं किस वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ ?
उतर-(१)राजा राममोहन राय.
(२) बोद्धि पेड़(पीपल का पेड़)
विजेता-महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
9966402435

प्रश्न13-(१)भारत देश के 12वें राष्ट्रपति कौन थे ?
(२)ब्रिटिश द्वारा भारत में सर्व प्रथम बन्दरगाह कहाँ स्थापित की गई ?
उतर-(१)प्रतिभा पाटिल
(२)कालीकट बदरगाह,
विजेता-विक्रम सिंह सेवड़ रूपावास
9881475155

प्रश्न14(1)वह चीनी यात्री ,जिसने भीनमाल की यात्रा की थी ,कौन है?
         (2)राजस्थान का राज्य गीत कौन-सा हैं ?
उतर-:-(१)ह्रेनसांग
         (२)केसरिया बालम
विजेता-गोविंदसिंह सेवड किशनासर
9503141033

प्रश्न-15(१)एक आदमी एक दुकान पर जाता है। वो उस दुकान से चुपचाप 100 रुपये चुरा लेता है। थोड़ी देर बाद वो उसी दुकान से 70 rs का समान खरीदता हैं दुकान वाला उसे 30rs वापस कर देता है,इस हिसाब से उस दुकान वाले को कितने रुपये का नुकसान हुआ ?
(२)किस पर्व पर खेजड़ी वृक्ष की पूजा की जाती है ?
उतर -(१)100 रुपये
(२)दशहरा पर
विजेता-गणेश सिंह केसरिया लखा
9414493060

प्रश्न16(१)थाईलेण्ड की राष्ट्रीय पुस्तक का नाम बताओ ?
(२)गुरु महाराज रामानंद जी का चौमासा इस बार कहां है
उतर-(१) रामायण (राम कियेन)
(२)करोडीया आश्रम कालंद्री
विजेता-शंकर सिंह उदेश मादा
मो: 7226853934

प्रश्न17(१)किस देश से अलग होकर वर्ष 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ था?
(२)केन्द्रीय असेम्बली में बम फेंकने में भगत सिंह का साथी कौन था ?
उतर-(१)पाकिस्तान
(२)बटुकेश्वर दत्त
विजेता-वीरेंद्रसिंह बाकलिया साथुनी
9983188668

प्रश्न 18(1)-:-"हे प्रभो! आनन्ददाता ज्ञान हमको दीजिए" गीत के रचयिता हैं?
(2) वह प्रथम भारतीय कौन था जो ब्रिटिश संसद का सदस्य बने ?
उतर-:-(1)रामनरेश त्रिपाठी
          (2)दादाभाई नौरोजी
विजेता-योगेंद्र सिंह मुथा बिजयनगर
9492707007

प्रश्न-19(१)हैंड इन हैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास 2019 का आयोजन किन दो देशों के बीच किया जाएगा ?
(२)ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2019 में भारत का रैंक कौनसा है ?
उतर(१)भारत और चीन के बीच
(२)52वे
सुरेशसिंह सिद्धप गोलिया कला
9833300126

प्रश्न20-गुरु महाराज तुलसाराम जी द्वारका में चौमासा कौन से वर्ष में किया था और किस श्राप से मुक्त करवाया था
उतर-(१)2008 में
(२)घोषणा करके कोई भी जिंदा दर्शन करके वापस नही आ सकता (तुलसाराम जी संग को घोषणा करके लेके गए और पूर्ण सुरक्षित लेके आये)
विजेता-गणेश सिंह केसरिया लखा
941449 3060

प्रश्न21-श्रीलंका का पहला उपग्रह कौन सा है और किस देश के द्वारा लॉन्च किया गया और कब किया गया ?
(१)रावण 1
(२)संयुक्त राज्य अमेरिका
(३)17 अप्रैल 2019
विजेता-सुरेशसिंह सिध्दप गोलिया कला
9833300126

प्रश्न21-(१)"ॐ जय जगदीश हरे" के रचियता कौन थे ?
(२)हिमालय पर्वत के सर्वोच्च शिखर माउण्ट एवरेस्ट को नेपाल में क्या कहा जाता है ?
उतर(१)श्रद्धा राम शर्मा
(२)सागर माथा
विजेता-सुरेश सिधप गोलिया कला
9833300126

प्रश्न22(१)अंतरिक्ष मे जाने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे ?
(२) 'माई एक्सपेरिमेंट विद द ट्रूथ' पुस्तक के लेखक कौन थे ?
उतर-(१)युरीगागरीन
(२)महात्मा गांधी
विजेता-किशोरसिंह राजगुरु रडवा
9428202560

प्रश्न23-:-(१)जिस कन्या को संत श्री खेतेश्वर दाता ने धर्म बहन बनाया था उनका नाम और उनके पति के नाम बताओ ?
(२) किस राजपुरोहित वीरांगना को लाडनूं ठाकुर बहादुर सिंह ने राजस्थानी पाग पहनाकर सम्मानित किया था और उनके आने पर राजपरिवार सहित आम नागरिक खड़े होकर उन्हे सम्मान देंते थे ?
उतर-:-(१)बादली देवी पति का नाम प्रेम सिंह जी सोढा
(२)वीरांगना सूजाबाई राजपुरोहित
विजेता-डूगरसिह त्रामकोटी फूलन
9829932856

प्रश्न24-(१)कार्यस्थल पर यौन शोषण के लिए पुनर्गठित मंत्री समूह का प्रमुख कौन है?(2019)
(२)बाघ जनगणना रिपोर्ट 2018 के अनुसार किस राज्य में सर्वाधिक बाघ है ?
उतर-(१)अमित शाह
(२)मध्यप्रदेश
विजेता-कर्णसिंह सेवड़ ओसियान(भारतीय सैनिक)
8769872202

प्रश्न25-ब्रम्हधाम आसोतरा के सामने जो प्याऊ है ? उसके पीछे तीन लोगों की समाधि बनी हुई है जो गुरुवर खेताराम जी महाराज की शरण में रहते हुए ब्रम्हलीन हो गए थे उनके नाम बताइए ?
उतर-  1-महंत वरदीगजी,
             2-कुंभाराम जी,
             3-विश्वानंद जी महाराज
विजेता-विक्रम सिंह सेवड़ किसनासर
9928856079

प्रश्न26-(१)उस वीर राजपुरोहित योद्धा का नाम बताओ जिन्होंने 22 वर्ष की आयु में बिकनेर रियासत के लिए अपनी वीरता का कौशल दिखाया और विरोधी सेना को नागौर तक खदेङ कर लहु लुहान स्थिति में विजय का संदेश महाराजा सा को देकर नश्वर शरीर त्याग दिया।
(२)भगवान शिव जी के धनुष का क्या नाम था?
उतर-:- (1)झूंझार श्री जगराम जी राजपुरोहित
         (2)पिनाक
विजेता-संजय सिंह जागरवाल नाड़ोल
8735841008

प्रश्न27-(१)किस देश ने हाल ही में ऑक्सीजन की बोतल के बिना माउंट एवरेस्ट की पहली चढाई का सम्मान प्राप्त किया?
(२)शहिद भगत सिंह माता पिता का क्या नाम था ?
उतर-(१)नेपाल
(२)पिता-सरदार किशन सिंह
माता-विद्यावती कौर
विजेता-वीरेंद्र सिंह राजपुरोहित बाकलिया साथुनी
9983188668

प्रश्न-28(१)“ए मेरे वतन के लोगो” देशभक्ति गीत किसने लिखा है ?
(२)किसने ‘रानी लक्ष्मीबाई रेजिमेन्ट’ की स्थापना की ?
उत्तर-(१)कवि प्रदीप ने
        (२)नेताजी सुभाष चंद्र बोस
विजेता-शंकर सिंह उदेश मादा
7226853934

प्रश्न29-(१)हाल ही किस राज्य ने RACE उच्च शिक्षा मॉडल लांच किया है ?(२०१९)
(२)हाल ही में अमरीका ने किस देश को 'करेंसी मैनीपुलेटर' घोषित किया ?(२०१९)
उतर-(१)राजस्थान
(२)चीन
विजेता-संजय सिंह जागरवाल नाड़ोल
8735841008

प्रश्न30-(१)पांच वर्षों के अंदर तीन तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाला एकमात्र नेता कौन है ?
(२)भारतीय जनता पार्टी के प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे ?
उत्तर-:-अटल बिहारी वाजपेयी
(2)भैरोंसिंह शेखावत
विजेता-वीरेंद्रसिंह बाकलिया साथुनी
9983188668

प्रश्न31 - मध्य प्रदेश अतिरिक्त भारत का कौन सा राज्य सात राज्यों की सीमा को स्पर्श करती है?
उतर-असम
विजेता-महेंद्रसिंहमनना जसोल
9510951660

प्रश्न32 - (१)योजना आयोग का अध्यक्ष कौन होता है ?
(२)राष्ट्रपति राज्यसभा में कितने सदस्य मनोनीत कर सकता है ?
उतर - (१)प्रधानमंत्री
(२)12
विजेता-संजय सिंह जागरवाल नाड़ोल
8735841008

प्रश्न33-(१)भारत में सशस्त्र बलों का सर्वोच्च सेनापति कौन होता है ?
(२)भारत में जनगणना कितने वर्ष बाद की जाती है ?
उत्तर-(१)राष्ट्रपति
(२)10 वर्ष
विजेता-सज्जन सिंह रुपावास सेवड
7984936344

प्रश्न-34(१)मेवाड़ रियासत में कोनसे राजपुरोहित को वीरता वफादारी के प्रति महाराणा मोकलजी ने विक्रम संवत 1431 में 7800 बिगा जमीन और तलवार व तांब्र पत्र दिया था उस राजपुरोहित का नाम बताओ ?
(२)गांव सराणा में खेतेश्वर पालणाधाम का प्रथम वार्षिक उत्सव कब मनाया गया ? (दिनाक, माह,वर्ष )सहित
उतर-(१)सोमाजी राजपुरोहित
(२)9/06/2016
विजेता-किशोरसिंह राजगुरु रडवा
9428202560

प्रश्न-35:-(1) राजपुरोहित समाज के इतिहास की सर्वप्रथम पुस्तक मरदु -मशुमारी राज मारवाङ कब प्रकाशित हुई ?
(2) राजपुरोहित के लोग राजपुतो के कोनसे गुरू है ?
उतर-:-(1) सन1891
          (2).मोरूसी गुरू
विजेता-भवानी सिंह सोडा इन्द्राणा
9429508016

प्रश्न36-(१)महाभारत में श्री कृष्ण ने कौनसी प्रतिज्ञा तोड़ी थी
(२) किस राज्य के मुख्यमंत्री ने छात्रों में देश के प्रति प्रेम जगाने के लिए अगले शैक्षिणक सत्र में सरकारी स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की ?
उतर-(१)अस्त्र शस्त्र उठाना
(२)दिल्ली
विजेता-वीरेंद्र सिंह बालकिया साथुनी
9983188668

प्रश्न-37(१)श्रीकृष्ण के अनुसार ब्राह्मणों को किस पदार्थ को उबालना (मंथन) ब्रह्म-हत्या (महापाप) के समान है?
(२)संत श्री तुलसाराम जी के के  घोड़े का क्या नाम नाम है
उतर-:- (१)गन्ना
(२)प्रेम
कर्ण सिंह पाचलोड सिवाना
9739416876

प्रश्न38--संत श्री 1008 श्री बालक दास जी महाराज का कौन सा गांव है और उसके माता पिता का क्या नाम है?
उत्तर (1) गांव का नाम सांडेराव
(2) माता का नाम नाजू बाई
(3) पिता का नाम दौलत राम जी
विजेता-गोविंद सिंह सेवड किशनासर
9503141033

प्रश्न39-(१)श्री 1008 श्री खेताराम जी महाराज की जीवनी को सर्वप्रथम गाने वाले गायक कलाकार का नाम बताओ ?
(२)राजपुरोहित समाज में सर्व प्रथम संस्कार शिविरो का आयोजन किस वर्ष हुआ ?
उतर :-(1)स्वर्गीय श्री मान रामनिवास जी राव
उतर-:-(२)22 अप्रैल 2012 में
विजेता-संजयसिंह जागरवाल नाड़ोल
8735841008

प्रश्न40-(१)भारत देश का संविधान किसे हाथों से लिखा गया था ?
(२))वय राष्ट्र जाग्रयाम पुरोहित:" का अर्थ क्या होता है ?
उतर-(१)प्रेम बिहारी नारायण रायजादा
(२)हम राष्ट्र को जगाने वाले पुरोहित है
विजेता-वीरेंद्रसिंह बाकलिया साथुनी
9983188668

प्रश्न41-सिवाना नरेश चन्द्रसेन की रक्षा के लिए किस राजपुरोहित वीर योद्धा ने चन्द्रसेन की पोशाक और मुकुट पहन कर चन्द्रसेन की रक्षा कर स्वयं वीरगति को प्राप्त हो गए ?
उतर-कल्याण सिंह मुलराजोत
विजेता- कोई नही

प्रश्न-42- बाबा रामदेवजी का जन्म कब और कहा पर हुआ था ?
(२)बाबा रामदेवजी अपने साथियों के साथ गेंद से खेल रहे उस समय गेंद किस ऋषि के आश्रम में गई थी  जन्हें बाबा रामदेवजी अपना गुरु मानते थे ?
उतर-(१)भाद्रपद शुक्लदूज वि.स. 1462 उण्डू-काश्मीर,जिला बाड़मेर
(२)बालीनाथ
विजेता-किशोरसिंह राजगुर रडवा
9428202560

प्रश्न43-(१)पाबूजी का प्रमुख मंदिर कहाँ पर है ?
(२)पाबूजी की फड़ किस वाद्य यंत्र के साथ बाँची(बजाई) जाती है ?
उत्तर - (१)कोलूमंड ( जोधपुर )
          (२)रावणहत्था के साथ
विजेता- भवानी सिंह सोढा इंद्राणा
9429508016

प्रश्न44 (१)सन 2002 में सन्त तुलसाराम जी महाराज में अपना चतुरमार्च कहा किया था ?
(२)उस भाग्यशाली महिला का नाम बताओ जो श्री खेताराम जी महाराज के लिए असोत्तरा के रसोई में खेताराम जी महाराज के लिए खाना बनाती थी ?
उतर-(१)जुझाणी नाडी
(२)जमुना बाई चौधरी आसोतरा
विजेता-महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
9966402435

प्रश्न45-(१)ब्रह्मधाम आसोतरा पर राजपुरोहित समाज महा अधिवेशन  कोनसी दिनाक को हुआ था?
(२)गौ धाम पथमेड़ा का पूरा नाम क्या है ?
उतर-(१)दिनांक 11 /12/13 फरवरी 2018)
(२)श्री  गोपाल गोवर्धन महातीर्थ आनंदवन पथमेड़ा ।
विजेता-भलाराम सिधप गांव सारियाणा
9833483583

प्रश्न 46-बीकानेर राज्य का आक्रमण जब नागौर राज्य पर हुआ तब बीकानेर के सेनापति राजपुरोहित ने अपनी सेना की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए उनकी याद में आज भी बीकानेर के जूनागढ़ में उनकी धोड़े पर मूर्ति बनी हुई है उन महान राजपुरोहित का नाम बताओ ?
उतर-जगराम जी राजपुरोहित
विजेता-सज्जन सिंह सेवड. रुपावास
7984936344

प्रश्न 47- उन वीर राजपुरोहित जुंझारजी का नाम और गाँव का नाम बताओ जिसने जालौर और सिरोही राज्य के बीच शांति वार्ता के लिए उनके पिताजी की अनुपस्थिति में न्याय किया लेकिन दोनों राज्यो की आनाकानी की वजह से स्वयं तेल और सिंदूर से अग्निस्नान कर दिया और चेताया कि  जहाँ मेरे चिथड़े गिरे वही दोनों राज्य की सीमा होगी.?
उतर-वीर जुंझार दामोदर जी  राजपुरोहित,जन्म गांव सांथू(जालोर)
विजेता-योगेंद्र सिंह मुथा बिजयनगर
09492707007

प्रश्न 48-(१) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत निशुल्क दवा योजना क्रियान्वयन में किस राज्य को पहला स्थान मिला है ?
(२) श्री धन्यानाराम जी महाराज वेदांताचार्य जी की प्राथमिक शिक्षा कौनसे विद्यालय में हुई थी ?
उतर-(१)राजस्थान
(२)राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेखासर
विजेता-किशोर सिंह राजगुरु रडवा
9428202560

प्रश्न-49(१)उन सन्त का नाम बताओ जिन्होंने खेड़ा गांव में खेतारामजी महाराज के साथ अदृश्य होकर चमत्कार दिखया था ?
(२)पाबुजी राठौङ तथा लक्ष्मण और बलराम ये तीनो  किनके अवतार थे?
उतर-:-(१) संत रगुनाथजी
(२) शेषनाग
विजेता-रामसिंह पाँचलोड सावलता
8879749159

प्रश्न50-(१)गुरु महाराज तुलसाराम जी का ननिहाल कहा पर है ?
(२)संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देने वाले भारतीय कौन थे ?
उतर - (१) सराणा
(२)अटल बिहारी वाजपेयी
विजेता-भवानी सिंह सोढा इंद्राणा
9429508016

सेमीफाइनल विजेता
1 वीरेंद्रसिंह बाकलिया साथुनी 9983188668 (5बार)
2 महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा 9966402435 (5बार)
3 योगेंद्र सिंह मुथा बिजयनगर 9492707007 (5बार)
4 संजयसिंह जागरवाल नाड़ोल 8735841008(4बार)
5 किशोरसिंह राजगुर रडवा 9428202560 (4बार)
6 गोविंदसिंह सेवड किशनासर  9503141033(3बार)
7 सुरेशसिह सिध्दप गोलियाकला  9833300126 (3बार)
8 सज्जन सिंह सेवड़ रूपवास 7984936344 (3बार)
9 भवानी सिंह सोढा इंद्राणा 9429508016 (3 बार)

प्रश्न1 (१)विक्रम शवत 1714 में उज्जैन के समीप धरमट के मैदान में महाराजा जसवंत सिंह के लिए अपने प्राण न्यौछावर किये थे उन महान राजपुरोहित योद्धा का नाम बताओ ?
उतर-दलपत सिंह जी सुपुत्र मनोहरदासजी
विजेता-सज्जनसिंह सेवड. रुपावास
7984936344

प्रश्न2-सन 1947 में प्रसिद्ध आंदोलन नागौर जिले के डाबरा गांव  में हुआ था | उस आंदोलन में जालोर जिले के बागरा
के एक राजपुरोहित क्रांतिकारी ने हिसा लिया ओर लाटीचार्ज और घोडो द्वारा रोदने से घायल अवस्था मे अपने घर आकर वीरगति को प्राप्त हो गए उनका नाम बताओ ?
उतर--मानसिंह जी सुपुत्र देवराज जी जागरवाल
विजेता- महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
996640 2435

प्रश्न 3- (१)जुन 1526 को जैसलमेर में सिंध के नवाब से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए उन वीर राजपुरोहित जी का नाम क्या है?
(२) श्री राम भक्त हनुमान जी की नानी जी का नाम क्या था?
उतर-(१)विक्रम सिंह का पुत्र देवीदासजी
(२)अहिल्या
विजेता-सज्जन सिंह सेवड़ रूपावास
7984936344

प्रश्न 4(१)मेघनाहॉट में में गैस बेस्ड प्लांट की स्थापना के लिए बांग्लादेश ने किस भारतीय कंपनी के साथ समझौते पर समझौते पर साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए
(२)सन 1528 में किस राजपुरोहित वीर ने रावगंगा के रक्षार्थ में वीर गति पाई थी इसी वीर राजपुरोहित को बादशाह बाबर ने सूरज उपादि प्रसन्न होकर दी थी ?
उतर-(१)रिलायंस पावर
(२)मूलराज जी राजपुरोहित
विजेता-सुरेश सिंह सिध्दप गोलिया कला
9833300126

प्रश्न5 -संवत 1600 में जोधपुर गढ़ पर जब शेरशाह ने कब्जा करना चाहा तब सेवड़ राजपुरोहित ने अपना कर्तव्य पूरा करते हुआ वीरगति को प्राप्त हुए उनका नाम बताओ ?
उत्तर-कामावतजी सेवड़ राजपुरोहित
विजेता-गोविंद सिंह सेवड किशनासर
9503141033

प्रश्न 5-संवत 1600 में जोधपुर गढ़ पर जब शेरशाह ने कब्जा करना चाहा तब सेवड़ राजपुरोहित ने अपना कर्तव्य पूरा करते हुआ वीरगति को प्राप्त हुए उनका नाम बताओ ?
उत्तर-कामावतजी सेवड़ राजपुरोहित
विजेता-गोविंद सिंह सेवड किशनासर
9503141033

प्रश्न6(१)अहिल्या और ऋषि गौतम जी की पुत्री का नाम बताओ ?
(२)वानर राज बाली और सुग्रीव दोनों भाईयो के पिता का नाम बताईये?
उतर(१)अंजना
(२)बाली के पिता का नाम इंद्रदेव,
सुग्रीव के पिता का नाम सूर्यदेव
विजेता-संजय सिंह जागरवाल नाड़ोल
8735841008

प्रश्न7-(१)किशनदास जी के पुत्र का नाम बताओ जिन्होने 'हियादेसर' गाव को बसाया था ?
(२)कालवा मकराणा जाट की बैटी करमा बाई के कृष्ण भक्त 'माता और पिता' का नाम बताईये?
उतर-(१)हरिदास जी
(२)जिवणराम
     रतनीदेवी
विजेता-सज्जन सिंह सेवड.रुपावास
7984936344

प्रश्न8-(१)रतलाम रियासत में अग्रेजो के विरुद्ध स्वतंत्रता आंदोलन चलाने हेतु 1938 में प्रजामंडल की स्थापना की गई जिनसे जिस राजपुरोहित को अध्यक्ष चुना गया उनका नाम बताओ  ?
(२)लाला लाजपत राय के मौत का बदला 17 दिसम्बर 1928 को अंग्रेज पुलिस को गोली मारकर लिया उस वीर शहीद राजपुरोहित का नाम बताओ
उतर-(१)डॉ. देवी सिंह राजपुरोहित रतलाम
(२)शहीद शिवराज हरिनारायण राजगुरु
विजेता-संजय सिंह जागरवाल नाड़ोल
8735841008

प्रश्न 9 (१)आ चीज ऊठ गाड़े में लागे ?
(A)पागो           (B)अडवली
(C)ईस             (D)हाल
(२)दही हुँ छा बनाण गी पद्धति ने के केवा ?
(A)अंजुणो          (B)रातीनो
(C)बिलोवणो       (D)जमावनो
उतर-(१)(D)हाल
(२)(C)बिलोवणो
विजेता-सुरेशसिंह सिधप गोलियाकला
9833300126

प्रश्न 10(१)कुरुक्षेत्र में किस स्थान पर कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया?
(२)ऊठ पर गाड़ो जोड़ती टाइम के लगावा ?
(A)लटाण         (B)झेरणीयो
(C)प्लाण       (D)भूण
उत्तर: ज्योतीसर वटवृक्ष
(C)प्लाण
विजेता-सज्जन सिंह सेवड. रुपावास
7984936344

फाइनल विजेता
1st सज्जन सिंह सेवड़ रूपावास
2nd or 3rd -संजय सिंह v/s सुरेश सिंह

प्रश्न -:-परशुरामजी किनका अवतार है और कितने नम्बर वाले अवतार है एव उनके माता और पिताजी का क्या नाम था । एवं पृथ्वी पर हैहय श्रत्रियो का नाश कितनी बार किया था परशुरामजी ने ?
उतर-:- भगवान विष्णु का 6 अवतार थे परशुरामजी
माता - माता-रेणुका
          पिता- ऋशी जमदग्नी
          21 बार
विजेता-संजय सिंह जागरवाल नाड़ोल
8735841008

फाइनल विजेता
1st सज्जन सिंह सेवड़ रूपावास
2nd -संजय सिंह जागरवाल नाड़ोल
3rd - सुरेश सिंह सिध्दप गोलिया कला
राजपुरोहित समाज के बाड़मेर जिले के गाँवों  की नवीनतम अद्यतन सूची

राजपुरोहित समाज के बाड़मेर जिले के गाँवों की नवीनतम अद्यतन सूची

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*राजपुरोहित समाज के गाँवों  की नवीनतम अद्यतन सूची*
*जिला:-बाड़मेर(राजस्थान
*(1)बाड़मेर तहसील* 6
1,बालेरा:-राजगुरु,मनणा
2,रड़वा:-राजगुरु,मकवाणा, सेवड़,भवरियाँ
3.महाबार:-भवरियाँ सेवड़, मूथर,6 सिधप,
4.लंगेरा:- राजगुरु, केसरिया, सेवड़, श्रीरख,महीयाल,सोढा, मनणा
5.गेहू:-राजगुरू, श्रीगौड़
6.बान्दरा-कवास:-मकवाणा, सांथुआ, सिधप, सिया, चावँडिया, डावियाल,सेवड़,राजगुरू
7.बोइतिया:-बोइतिया, बगईया,सेवड़
8.भाडखा:-सेवड़,सिधप
9.मीठडा़:-नेतड़
10.परों:-नेतड़
*(2).तहसील शिव (बाड़मेर)*
1•बिशु कल्ला:-श्रीरख,सेवड,बोइतिया,केसरिया
2•बिशु खुर्द:-राजगुरू,नेतड़
3•पुषड़:-मावा
4•धारवी:-नेतड़, राजगुरू
5•आगोरिया:-डावियाल, सोढा
6•निम्बला:-मावा,नेतड़
7 •मौखाब:-सिधप
8•राजड़ाल:-मूथर,नेतड़
9•बालासर :-राजगुरू,सेवड़,श्रीरख
10•कोटड़ा:-,राजगुरू,सेवड़6
11•सरुप नगर:-राजगुरू
12•बरियाड़ा-राजगुरू
13•गूँगा:-नेतड़
14.चोचरा :-श्रीरख
*(3).तहसील :-गडरा रोड**
1जुड़िया:-सिधप
2.गिराब:-श्रीरख,उदेश,जोशी,नेतड़
3.ताणू:-श्रीरख
4.फोगेरा:-सेवड़,श्रीरख,मुथर,सोढा
5.गडस:जोशी
6.रेडाणा:केशरीया
7.गोरडिया:-श्रीरख
8.रतरेडी :नेतड़
*(4).तहसील सिवाना (बाड़मेर)*
1 अर्थण्डी:-फोंदर
2 मायलावास-सोढा, उदेच
3 लूदराडा- राजगुरू, गोराखा,सोढा
4 सिवाना- पाँचलोड़
5 समदड़ी-टीटोपा, थानक5
6 रानी देशीपुरा:-रायथला, मनणा, पांचलोड़
7 सिलोर:-राजगुरू
8 अजित:-दूदावत
9 इंद्राणा:-पाँचलोड़, केसरिया, सोढा,राजगुरू
10 मेली:-सोढा, जागरवाल, पांचलोड, उदेच, सेवड़
11 पादरू:-मकवाणा,मथर,त्रामकोटी, जोशी
12 मुम्बारी-पांचलोड़
13 मिठोडा़-साँथुआ
14.मांगला:-हलिया,टीटोपा,डिंगारी
15 सिनेर- पांचलोड, सोढा
16 रमनिया-पांचलोड़, राजगुरू
17 धिरा-पांचलोड़
18 अरजियाना-सोढा, टीटोपा, रायगुर, सेवड़
19 करमावास- हळीया
20 महेश नगर-दूदावत
21 जेठन्तरी:-लाफा, साथुआ,केवनसा
22 फुलण-त्रामकोटी, पांचलोड
23 देवडा़- केसरिया, जागरवाल, सेवड़
24 खण्डप-उदेश, सांथुआ
25 मोतीसरा- सोढा5
26 सेवाली:-उदेश,पांचलोड, सोढा, भदवाला
27 गुडानाल-सोढा, मनणा, राजगुरु, फोंदर, सिया
28 मुठली- लुहारीया
29 कूशीप- सोढा
30 मवडी़-राजगुरू, पांचलोड5
31 धारणा- सांथुआ, पांचलोड, सोढा, रायगुर
32 रातडी- हलिया
33 भलरो का बाड़ा:-मकवाणा, हलेसिया, रावल
34.तेलवाडा़- पांचलोड
34 कूण्डल- त्रामकोटी, सोढा,5 मनणा
35 पंऊ- मथर
36 सोमुजा- उदेश
37 सैला- पांचलोड
38 बालू-सेवड़, बाकलिया, सोढा
39 गुगरोट- पांचलोड
40.बामसीन- टिटूपा
41.देवलियाली- दुदावत
42.सावरडा़- जागरवाल
43.राखी:- फोंदर
44.कोटडी़- हलिया
45.मोखण्डी- जागरवाल
46.मजल-डिंगारी, मनणा
47.इटवाया- लुहारीया,मथर, महियाल, त्रामकोटी, मनणा, राजगुरू, भवरियां, मकवाणा, रायगुर
48.जिनपर- पांचलोड
49.खाखरलाई- जागरवाल
50.काठाडी़- उदेच
51.भागवा- पांचलोड
*(5).चौहटन/सेड़वा तहसील*
1.चौहटन:-सेवड़,नेतड़,,राजगुरू,मूथर,
थानक
2.ढोक:-नेतड़
3.केलनोर:-नेतड़,श्रीरख
4.बाँकाणा:-थानक
5.सनाऊ:-नेतड़
6.इब्रे का तला:-नेतड़,राजगुरू,मूथर
7.रबासर:-नेतड़
8.ईंटादा:-मूथर
9.मिये का तला:-मूथर
10.खानु तला:-मूथर
11.आलमसर-बगाईया,नेतड़
12.बावडी़:-सेवड़
13.लीलसर: -राजगुरू
14.रोहिला पश्चिम-सेवड़
*(6).रामसर तहसील*
1.रामसर:-श्रीरख,केसरिया,रोहड़
*(7).बायतू तहसील*
1.चवा-सेवड़,चावँडिया
2.सन्तरा-थानक, सेवड़
3.चैनोणियों की ढाणी-सेवड़
4.जाखडा़-केसरिया
5.कानोड़:-भंवरिया, श्रीरख
6.लापून्दडा़:- श्रीगौड़
7.नेड़ली:-सिया, सेवड़
8.नोसर-डावियाल 5
9.सोढो की ढाणी:-सोढा, दादाला, जोशी
*(8).सिंणधरी तहसील*
1.डँडाली-श्रीगौड़, बूझड़,सिधप, सेवड़, नेतड़, मनणा
2.बिलासर-केसरिया, मनणा
3.पायला:-सिधप
4. दाखा:-उदेच, सेवड़, राजगुरू
5.होडू:-सेवड़
6.सडा़:-नेतड़, सिधप
7.गादेसरा:-सेवड़
8. धनवा:-टीटोपा, राजगुरू
9.मिठा:-सिधप
10.सिणधरी-भवरियाँ
*(9).पचपदरा तहसील*
1.कालूडी़:- मनणा,सिधप, सोढा, पांचलोढ, श्रीगौड़
2.गोल स्टेशन :- थानक , सेवड़
3.रेवाडा़ सोढा:-सोढा, उदेच, राजगुरु, सेवड़
4.आसोतरा :-सोढा, लुहारिया, रायथला, मनणा, डावियाल
5.बालोतरा:-सिया
6.जसोल,मनणावास:-मनणा
7.माजीवाला-मनणा
8.कीटनोद-पांचलोढ
9.जागसा-सोथडा़
10.असाडा़:-डावियाल, पांचलोढ
11.सराणा:-रूदवा, उदेच, पांचलोड़, पोकरणा, डावियाल, सोढा
12.उमरलाई:-मकवाणा,रूदवा,श्रीगौड़, सेवड़
13.मूँगडा़:-रूदवा, सिधप
14.खारवा-राजगुरू, बाकलिया
15.कनाना:-सोढा,कोसाना, राजगुरु, व्यास, मडवी
16.पारलू-सिया
17,तिरसींगड़ी - सोढ़ा,सिधप,सेवड़
18, थोब- राजगुरू, सेवड़
19.सरवड़ी -मनणा
20, डोली - राजगुरू
21, अराबा - दुदावत
22 नागाणा - पुणायचा, पांचलोड
23 .देरीया - सोढ़ा, राजगुरू
24.मंडली- सोढ़ा ,सेवड
25 ,कल्याणपुर - मडवी, सेवड
26.चांदेसरा-श्रीगौड़
27.सोमेसरा-श्रीगौड़
28.खट्टू:-थानक
29.बांकियावास:-जागरवाल
30.सितली:-लूणतरा
31.गडसी:- सोढा, जागरवाल
32.बागलोप-पांचलोड
33.परालिया+राजगुरों की ढाणी-केसरिया, राजगुरू
34.भिण्डाकुआ(गोलिया)-सिया
35.हलिया-हलिया
36.टिबाणिया:-सिधप
37.पटाऊ-राजगुरू, मनणा
38.ग्वालनाडा: -सिधप
39.कोरणा: -राजगुरू, मुम्डी़या
40.होटलू: -डावियाल, मनणा
41.भाखरसर-सेवड़
42.गुंदों की बाडी़-मनणा, सिधप
43..केलनकोट-बाकलिया
44.सिमरखिया:-सोढा
45.मेगावास-सोढा
46.साथुनी-बाकलिया
47.दुर्गावास-सिया
48.मोहनपुरा-साथुआ
49.पचपदरा-जागरवाल, राजगुरू, उदेश, श्रीगौड़
50.सोढों का वास-सोढा
51.रणिया देशीपुरा-रावल
*(10).गुडा़मालानी तहसील*
1.गुडा़मालानी:-सेवड़, डावियाल
2.रामजी का गोल- सिया, सेवड़
3. जाली खेड़ा
4. उनदडी
5.रतनपुरा
6.गोलियां कला
7. भाखरपुरा
8.आलपूरा
9.पीपराली: -सेवड़
10.डांगरिया
11.अगडा़वा
12.भालीखाल
13.धोरीमन्ना
14.जुडी़
16.लुम्बावास
17.गादेवी
18.पालीयाली
19.भावगिरी जी का मिठा
20.भिंडाणा
21.धांधलावास
22.डीमडी़
23.गोलिया कल्ला
24.लूणवा
25.लोलावास
26.पादरडी़
27.सनावडा़
  *** यदि कोई गॉव छूट गया हो तो अवगत करावें।
  * अभी तक गुड़ामालानी के गॉवों में निवास करने वाले राजपुरोहित बंधुओं के गोत्रों की  जानकारी ज्ञात न होने के कारण लिख नहीं पाए हैं,
जिन बंधुओं के पास इनकी जानकारी हो तो अवगत करावें।
Whatsapp number 7777927944

भगवान ब्रह्माजी की उत्पत्ति




पदमपुराण के अनुसार भगवान विष्णु के नाभी स्थित कमल में भगवान विष्णु का प्रवेश तथा उसी क्षण ब्रह्मा के रूप में पुन: बाहर आते हैं। जो चतुर्मुख होते हैं। कमल की नाभी से पैदा होने के कारण 'कमलयौनी' कहलाते हैं। स्वयं ही पैदा हुए अत स्वयंभूदेव कहलाये। उनके चारमुखों से चार वेदों की रचना मानी जाती है, जो इस प्रकार से है-पूर्वमुख-ऋग्वेदपश्चिम मुखसामवेदउत्तर मुखअथर्ववेद, दक्षिण
मुखयजुर्वेद। * पदमपुराण में भगवान ब्रह्मा का जन्म स्थल तीर्थराज पुष्कर बताया गया है।
* पुष्कर यज्ञ की कथा का वर्णन पदमपुराणब्रह्मपुराण और वैष्णवपुराण में मिलता
है, जिसमें उनकी प्रथम धर्मपत्नी-सावित्री तथा द्वितीय धर्मपली- का नाम गायत्री बताया गया है।
* ब्रह्माजी को देवत्रयी कहा जाता है। अर्थात् ब्रह्मा विष्णु और महेश जो कि सृष्टि सलूक, पालनकर्ता और विनाशक है।
विशेष
1. तो फिर यह चौथा मुख किसका है? अर्थात् यह चौथा मुख आदिब्रह्मा' का है,
जिसने भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा को उत्पन्न किया है।
तात्पर्य ये है कि निराकार आदि ब्रह्मा और विष्णु की नाभी कमल से उत्पन्न ब्रह्मा
साकार दोनों अलग-अलग है। अगर इस बात को गंभीरतापूर्वक समझा जाये तो
वास्तव में ब्रह्मा के दो स्वरूप सामने आते है। एकनिराकार ब्रह्म और दूसरा
साकार ब्रह्म। ब्रह्मा को देवत्रयी माना जाता है। अर्थात् ब्रह्माविष्णु और महेश।
एक सृष्टि का रचनाकार, दूसरा पालनकर्ता और तीसरा संहारक। मगर इन तीनों
को जो उत्पन करने वाली सर्वोच्च शक्ति है, वो है- निराकार आदि ब्रह्मा। जो ।
साकार ब्रह्मा के अदृश्य चतुर्मुख का पर्याय और प्रतीक है।
2. ऋग्वेद की भाष्य भूमिका तथा ऋग्वेद के देवता नामक ग्रंथों से पता चलता है कि
हिन्दू धर्म में 33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवता है। कोटि का अर्थ होता है-प्रकार।
अथत 33 प्रकार के देवता है, जो इस प्रकार बताये गए हैं -
12 आदित्य - आदित्य, धाता, मितआर्यमा, शक्रा, वरुण, अंशभागविवास्वान,
पूष, सवितातवास्था और विष्णु।

सत गुरु ज्ञान प्रश्न प्रतियोगिता (श्री ख़ेतेश्वर ग्रुप)



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सवाल 1-राजपुरोहित समाज में सर्व प्रथम संस्कार शिविरो का आयोजन किस वर्ष हुआ और किसके नेतृत्व में हुआ ?
उतर-(1)22 अप्रैल 2012 मे
       (2)डा.ध्यानाराम जी के नेतृत्व में
विजेता- योगेंद्र सिंह जी मुथा बिजयनगर
              9492707007
प्रश्न-2-बालोतरा में लूनी नदी के किनारे किन दो महापुरुष के बलिदान पर छतरिया बनाई गई जिसे आज भी छतरिया के मोर्चा के नाम से जाना जाता है ?
उतर-:-(1)नरसिगजी सिहा व कोरणा के खेमकरणजी करनोत
विजेता-गोविंद सिंह सेवड किशनासर
          9503141033
प्रश्न-3-ब्रम्हधाम आसोतरा के सामने जो प्याऊ है ? उसके पीछे तीन लोगों की समाधि बनी हुई है जो गुरुवर खेताराम जी महाराज की शरण में रहते हुए ब्रम्हलीन हो गए थे उनके नाम बताइए ?
उतर-  1-महंत वरदीगजी,
             2-कुंभाराम जी,
             3-विश्वानंद जी महाराज
विजेता-योगेन्द्र सिंह मुथा बिजयनगर
9492707007
प्रश्न-4-हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथो को कितने भागो में बांटा गया है एवं उनके नाम बताइए?
उतर-हिंदू धर्म के पवित्र ग्रन्थों को दो भागों में बांटा गया है- श्रुति और स्मृति।
विजेता-योगेन्द्र सिंह मुथा बिजयनगर
9492707007
सवाल-5-राजस्थान की सबसे ऊची पर्वत चोटी कौनसी है और किस जिले में स्थित है?
उत्तर-गरू शिखर,ज़िला-सिरोही
विजेता-महेन्द्रसिहं कैशरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न-6-राज्यपाल सोने के पिंजरे में निवास करने वाली चिड़िया के समान है’ ये शब्द किसके हैं
उतर-:-सरोजिनी नायडू
विजेता-महेन्द्रसिहं कैशरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न7- देव संस्कृति विश्वविद्यालय कहा स्थित हैं इस संस्थान कि  स्थापना  किसने व कब कि बताए ?
उतर-:-हरिद्वार में
          पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा
          11 अप्रैल 2002 में
विजेता-महादेवसिंह दुदावत महेश नगर
9767402145
प्रश्न 8-(१)वह चीनी यात्री ,जिसने भीनमाल की यात्रा की थी ,कौन है?
(२) वह प्रथम भारतीय कौन था जो ब्रिटिश संसद का सदस्य बने ?
उतर-:-(१)होनसांग
          (२)दादाभाई नौरोजी
विजेता- महेन्द्रसिहं कैशरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न9(1)-भारत के पहले उपप्रधानमंत्री कौन थे?
.-(2)-भारत के किस राज्य ने सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिये है?
उत्तर 1- सरदार वल्लभ भाई पटेल
      2- उतरप्रदेश।
विजेता-महेन्द्र सिहं कैशरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न 10-नवरात्रि में मा दुर्गा के किस रूप की पूजा की जाती है और उन को किस रंग की चीजों का भोग लगाया जाता है ?
उतर - चेलीपुत्री
          सफेद
विजेता-गणेश सिंह केसरिया लखा
94144 93060
प्रश्न 11-(१)नवरात्रि साल में कितनी बार आती हैं?
(२)माँ दुर्गा के नवरूपो में से कोनसे रूप में स्कंद कुमार को अपने गोद मे लिए विराजमान है ?
उतर-(१)4 बार
(२)स्कंदमाता
विजेता-योगेन्द्र सिंह मुथा बिजयनगर
09592707007
प्रश्न 12-माँ दुर्गा चंद्रघंटा के( पांचो )बायं हाथों में कौन कौन से अस्त्र सुशोभित हैं
उत्तर नं: 2:- त्रिशूल, गदा, तलवार ,कमण्डल, तथा युद्ध की मुद्रा
विजेता-सज्जनसिंह सेवड रुपावास
7984936344
प्रश्न-13- नवरात्रि के चौथे दिन माँ दुर्गा के किस रूप की पूजा की जाती है | उनका वास कोनसे लोक में है और उनकी कितनी भुजाए है ?
उतर-(१)कुष्मांडा देवी
      (२)सूर्य मंडल के भीतर
      (३)आठ भुजाए
विजेता-योगेन्द्र सिंह मुथा बिजयनगर
09592707007
प्रश्न 14- माँ दुर्गा का कोनसा रूप वैधनाथ स्थान पर प्रकट होकर पूजी गई और उन्होंने किसके घर पर अवतार लिया ?
उतर-:- (१)कात्यायनी देवी
           (२)विश्व प्रसिद्ध महर्षि कात्यायन  के घर
विजेता-मालसिंह नेनसिंहजी पाँचलोड़ सिवाना 9448536526
प्रश्न15-:- (१)नवरात्रि में सातवे दिन माँ दुर्गा के किस रूप को पूजा की जाती है ?
(२)भारत का राष्ट्रीय गान सबसे पहले कब आया था ?
उतर-(१)कालरात्रि
        (२)27 दिसम्बर 1911
विजेता-महेन्द्र सिहं कैशरिया देवड़ा
   9966402435
प्रश्न-16-(१)लंका-युद्ध में ब्रह्माजी ने श्रीराम से रावण वध के लिए  किस देवी की पूजा करके प्रसन्न करने को कहा ?
(२)माँ दुर्गा के किस रूप की कृपा से शिवजी का आधा रूप देवी का हुआ था?
उतर-(१)चंडी देवी
        (२)सिद्धिदात्री
विजेता-किशोरसिंह उदेश भवरानी
9636677030
प्रश्न17-(१)पाबूजी का प्रमुख मंदिर कहाँ पर है ?
(२)पाबूजी की फड़ किस वाद्य यंत्र के साथ बाँची(बजाई) जाती है ?
उत्तर - (१)कोलूमंड ( जोधपुर )
          (२)रावणहत्था के साथ
विजेता-किशोरसिंह उदेश भवरानी
9636677030
प्रश्न-18-(१)एक आदमी एक दुकान पर जाता है। वो उस दुकान से चुपचाप 100 रुपये चुरा लेता है। थोड़ी देर बाद वो उसी दुकान से 70 rs का समान खरीदता हैं दुकान वाला उसे 30rs वापस कर देता है,इस हिसाब से उस दुकान वाले को कितने रुपये का नुकसान हुआ ?
(२)किस पर्व पर खेजड़ी वृक्ष की पूजा की जाती है ?
उतर -(१)100 रुपये
(२)दशहरा पर
विजेता-भलाराम सिद्धप सारियाणा
9833483583
प्रश्न 19-:-(1)काशी (बनारस) विश्व विद्यालय से संस्कृत मे डो. वेदांताचार्य ध्यानारामजी महाराज ने कितने गोल्ड मेडल जीते (प्राप्त ) किए ?
(2)डॉ.वेदांतेचार्य ध्यानारामजी महाराज ने भारत के कितने ब्रह्म मंदिरों तथा विदेश के किस देश और कितने वर्ष पुराने ब्रह्म मंदिर कि खोज की ?
उतर-:-(1)आठ गोल्ड मेडल
          (2).दक्षिण भारत मे स्थित 35 ब्रह्म मंदिरों तथा थाईलैंड मे स्थित  800 वर्ष पुराने ब्रह्म मंदिर की खोज की।
विजेता-सुरेश सिंह सिध्दप गोलिय कल्ला
9833300126
प्रश्न-20-महाज्ञानी रावण के माता पिता और दादा का क्या नाम था ?
उतर-पिता-विश्रवा
माता-कैकसी
दादा-ऋषि पुलस्त्य
विजेता-सुरेशसिंह सिध्दप गोलिया कल्ला
9833300126
प्रश्न21-(१)राज्यसभा की बैठको की अध्यक्षता कौन करता है ?
(२)किस राज्य में मलयालम भाषा बोली जाती है
उत्तर - (१)उपराष्ट्रपति
(२)केरल
विजेता-सुरेश सिंह सिध्दप गोलिया कल्ला
9833300126
प्रश्न22-(१)प्रसिद्ध शिलोत्कीर्ण (पत्थर काटकर बनाया गया) कैलाश मन्दिर कहाँ स्थित है?
(२)भारत के किस राज्य में पवित्र तीर्थस्थल 'अमरनाथ' स्थित है?
उत्तर - (१)एलोरा
(२)जम्मू एवं कश्मीर
विजेता-महादेवसिंह दुदावत महेश नगर
9767402145
प्रश्न23-(१)डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की समाधि कौनसे घाट पर बनी हुई है ?
(२) राज्य सभा के सदस्यो का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है ?
उतर-(१) महाप्रयाण घाट
(२) 6 वर्ष
विजेता-भलाराम सिद्धप सारियाणा
9833483583
प्रश्न-24(१)कन्याकुमारी में रॉक मेमोरियल (शैल स्मारक) को किसकी स्मृति में समर्पित किया गया?
(२)1857 ई. के विद्रोह में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने किसके सहयोग से ग्वालियर में विद्रोह किया था?
उत्तर : (१)स्वामी विवेकानन्द
(२)तात्यां टोपे
विजेता-मालसिंह नेनसिंहजी पाँचलोड सिवाना
9448536526
प्रश्न25-(१)“मंदिरो की पूण्यभूमि” भारत के किस राज्य को कहा जाता है?
 (२)भारत व पाकिस्तान के बीच विभाजन किस योजना के तहत हुआ था?
उत्तर : (१)तमिलनाडु
(२)माउंटबेटन योजना
विजेता-भवानी सिंह सोडा इन्द्राणा
9429508016
प्रश्न26-(१)धन की देवी लक्ष्मी का वाहन क्या है?
(२)पुराणों के अनुसार किसका रथ सात घोड़ॊ का है?
उत्तर-(१)उल्लु
(२)सुर्य
विजेता-भवानी सिंह सोडा इन्द्राणा
9429508016
प्रश्न27-(१)वय राष्ट्र जाग्रयाम पुरोहित:" का अर्थ क्या होता है ?
(२)उस वीर राजपुरोहित योद्धा का नाम बताओ जिन्होंने 22 वर्ष की आयु में बिकनेर रियासत के लिए अपनी वीरता का कौशल दिखाया और विरोधी सेना को नागौर तक खदेङ कर लहु लुहान स्थिति में विजय का संदेश महाराजा सा को देकर नश्वर शरीर त्याग दिया। और इनकी पुण्य तिथि कब मनाई जाती है ?
उतर-:-(१)हम राष्ट्र को जगाने वाले पुरोहित है
(२)1.झूंझार श्री जगराम जी राजपुरोहित
       2.आसाढ सुदी एकम को
विजेता-:-महेन्द्र सिहं कैशरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न28-संत श्री 1008 श्री बालक दास जी महाराज का कौन सा गांव है और उसके माता पिता का क्या नाम है?
उत्तर (1) गांव का नाम सांडेराव
(2) माता का नाम नाजू बाई
(3) पिता का नाम दौलत राम जी
विजेता-सुरेशसिंह सिध्दप गोलिया कल्ला
9833300126
प्रश्न29-(१)रामायण के अनुसार रूमा किसकी पत्नी थी?
(२)हिंदू कथाओं के अनुसार देवताओं के गुरु कौन थे?
(१)सुग्रीव
(२)बृहस्पति
विजेता-महादेवसिंह दुदावत महेश नगर
9767402145
प्रश्न-30(१)महाभारत में बका नामक राक्षस का वध किसने किया था?
(२)महाभारत में किसने कृष्ण को श्राप दिया था कि वे जंगल में एक शिकारी के हाथों मारे जाएँगे?
उतर-(१)भीम
(२)गांधारी
विजेता- महादेव सिंह दुदावत महेश नगर
9767402145
प्रश्न31-(१)संत श्री तुलसाराम जी के के  घोड़े का क्या नाम नाम है
(२)रेगिस्तान का जलमहल कहलाने वाला ''बाटाडू का कुआ"किस जिले में है ?
(१) प्रेम
(२) बाड़मेर
विजेता- गणेश सिंह केसरिया लखा
9414493060
प्रशन 32- मध्य प्रदेश अतिरिक्त भारत का कौन सा राज्य सात राज्यों की सीमा को स्पर्श करती है?
उतर-असम
विजेता-जितेंद्र सिंह फोदर सरियाणा
9987963213
प्रश्न-33(१)-“ए मेरे वतन के लोगो” देशभक्ति गीत किसने लिखा है ?
(२)किसने ‘रानी लक्ष्मीबाई रेजिमेन्ट’ की स्थापना की ?
उत्तर-(१)कवि प्रदीप ने
        (२)सिंगापुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस
विजेता-जितेन्द्र सिंह तरामकोटी फूलन
9110450440
प्रश्न 34-(१)विश्व मैं भारत के अलावा 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस और किस देश में मनाया जाता है?
(२)विख्यात पर्यटन-स्थल “गुलमर्ग” भारत के किस क्षेत्र में स्थित है?
उत्तर : कोरिया,बहरीन व कांगो
उत्तर : कश्मीर
विजेता- डूगरसिह त्रामकोटी फूलन
9829932856
प्रश्न35-:-(१)श्री 1008 श्री खेताराम जी महाराज की जीवनी को सर्वप्रथम गाने वाले गायक कलाकार का नाम बताओ ?
(२)राजपुरोहित समाज में सर्व प्रथम संस्कार शिविरो का आयोजन किस वर्ष हुआ ?
उतर :-(1)स्वर्गीय श्री मान रामनिवास जी राव
उतर-:-(२)22 अप्रैल 2012 में
विजेता-महेद्र सिंह सिया भिण्डाकुऑ
9001851008
प्रश्न36 (१)सन 2002 में सन्त तुलसाराम जी महाराज में अपना चतुरमार्च कहा किया था ?
(२)उस भाग्यशाली महिला का नाम बताओ जो श्री खेताराम जी महाराज के लिए असोत्तरा के रसोई में खेताराम जी महाराज के लिए खाना बनाती थी ?
उतर-(१)जुझाणी नाडी
(२)जमुना बाई चौधरी आसोतरा
विजेता-महेद्र सिंह सिया भिण्डाकुऑ
9001851008
प्रश्न37-(१)करेंगे या मरेंगे" यह सूत्र गांधी जी ने किस आंदोलन के दौरान दिया था ?
(२)"वय राष्ट्र जाग्रयाम पुरोहित:" का अर्थ क्या होता है ?
उतर-(१)भारत छोङो आन्दोलन
(२)हम पुरोहित राष्ट्र को जीवंत और जार्गत  बनाए रखेंगे
विजेता-डूंगरसिह त्रामकोटी फूलन
9829932856
प्रश्न38-(१)जाणियाणा गाँव की उस भाग्यशाली महीला का नाम बताओ जिसने आसोतरा धाम की पावन धराँ अपना जीवन धन्य बनाया नाम व जाति का नाम बताएँ ?
(२)हिंदू कथाओं के अनुसार इंद्र के पुत्र जयंत ने किसके तीर की वजह से अपनी आंखें खोई थी?
उतर-:-(१)मेहती बाई जाती भील
(२)श्री राम
विजेता-सुरेशसिंह गोलिया कल्ला सिध्दप
9833300126
प्रश्न39-:-उस वीर राजपुरोहित योद्धा का नाम बताओ जिन्होंने 22 वर्ष की आयु में बिकनेर रियासत के लिए अपनी वीरता का कौशल दिखाया और विरोधी सेना को नागौर तक खदेङ कर लहु लुहान स्थिति में विजय का संदेश महाराजा सा को देकर नश्वर शरीर त्याग दिया। और इनकी पुण्य तिथि कब मनाई जाती है ?
उतर-:- (1)झूंझार श्री जगराम जी राजपुरोहित
         (2) आसाढ सुदी एकम को
विजेता-महेद्र सिंह सिया भिण्डाकुऑ
9001851008
प्रश्न40(१)खेताराम जी महाराज राजपुरोहित समाज मे जब ब्रह्मधाम आसोतरा मंदिर के लिए टीपणी लेने जाते थे,तब उनके साथ मे आसोतरा का कौन रहता था,नाम व जाति बताएँ ?
(२)वर्तमान में भारत के कोनसी रेलगाड़ी का नाम बदलकर वन्दे भारत एक्सप्रेस रखा गया ?
उतर-(१)शंकर जी दर्जी
(२)ट्रेन 18
विजेता-महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न-41(१)सम्राट अशोक ने किस युद्ध के बाद बोद्ध धर्म ग्रहण कर लिया था ?
(२)पाबूजी के पिताजी का नाम क्या था ?
उतर-(१)-कलिंग युद्ध
(२)धांधल जी राठौड
विजेता -महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न 42(१)डिस्कवरी ऑफ इंडिया पुस्तक के लेखक कौन है
(२)भारत देश में हिंदी लागु करने के लिए लाला लाजपत राय ने कौनसा अभियान चलाया था ?
उतर-:-(1)जवाहर लाल नेहरू
          (2)हस्ताक्षर आंदोलन
विजेता-महेंद्र सिंह मनणा जसोल
9510951660
प्रश्न 43(१)श्रीं खेतेश्वर महिमा  धारावाहिक मे कुल कितने एपिसोड  पूर्ण  हुए हैं (12/02/2019तक) ?
(२)  खेतेश्वर भगवान  कोनसे भाग में  चिंतन करते हैं की मे जो भक्ती कर रहा  हु वो सही है या गलत ?
उतर :-(१)-44 एपिसोड
(२)-44 वे एपिसोड में
विजेता-महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न44-(१)राजपुरोहित समाज के इतिहास की सर्वप्रथम पुस्तक मरदु -मशुमारी राज मारवाङ कब प्रकाशित हुई ?
(२)मेवाड़ रियासत में कोनसे राजपुरोहित को वीरता वफादारी के प्रति महाराणा मोकलजी ने विक्रम संवत 1431 में 7800 बिगा जमीन और तलवार व तांब्र पत्र दिया था उस राजपुरोहित का नाम बताओ ?
उतर-(१) सन 1891
(२)सोमाजी राजपुरोहित
विजेता-महेद्र सिंह सिया भिण्डाकुऑ
9001851008
प्रश्न 45-(१)1 नवंबर 1956 के दिन राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में आया, इस दिन कौनसे नए क्षेत्र राजस्थान में शामिल किए गए
(२)पृथ्वी के वर्णन के लिए सर्वप्रथम 'ज्योग्राफी'शब्द का प्रयोग किसने किया था
उतर-(१)आबू एवं सुनेल टप्पा  
(२)इरेटोस्थेनिज
विजेता-जितेन्द्र सिंह तरामकोटी फूलन
9110450440
प्रश्न46-(1)सन्त तुलसाराम जी के शिष्य ध्यानाराम जी के कितने भाई व नाम क्या है ?
(2)उनकी कुटम यात्रा कब रखी गई थी ? (दिनाक,माह,सन)सहित बताओ
उतर-:-(1)पांच भाई
     (१)अमर सिह
    (२) हरी सिह
    (३)श्री ध्यानारामजी
    (४)पुनम सिह
   (५)जबर सिह
(2)कुटम यात्रा तारीख 15/02/2016
को हुई यही
विजेता-भावानी सिंह सोढा राजपुरोहित
9429508016
प्रश्न-47 श्री गुरुदेव खेतेश्वर दाता के बचपन के साथी मैदाजी चौधरी (जोकी दोनों बचपन में एक बिन ब्याही पाडी का दूध पीते थे )मैदाजी कि पत्नी का क्या नाम है
उत्तर-हिरा देवी
विजेता-दिनेशसिंह सिया भिंडाकुआ
7777927944
प्रश्न--48-कौन सा एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है जिसकी गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में सब प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में होती है और रामायण के अनुसार राजा जनक किस राज्य के राजा थे ?
उतर-:-(1)सोमनाथ
          (2)मिथिला
विजेता-महेंद्र सिंह केसरिया देवड़ा
9966402435
प्रश्न-49-राजपुरोहित समाज व "साँथू" के वीर श्री फतेहसिंहजी के पिता जी का क्या नाम था और उनका विवाह कहा किया गया था ?
उतर-:-  (१)उनके पिता का नाम गज सिंह जी था
            (२)फतेहसिंहजी का विवाह भादल्डा
विजेता-सज्जन सिंह सेवड़ रूपावास
7984936344
प्रश्न50-:-(1)भगवान श्री शकंर जी विष्णुजी और अवतार कृष्णजी इन तीनो के पास चक्र है तो उन चक्र का क्या नाम है ?
(2)भारत मै रविवार की छुट्टी किस महापुरूष ने करवाई थी उनका पुरा नाम बताईये ?

उतर-:-(1)१ कृष्ण के चक्र का नाम सुदर्शन चक्र

         २ शंकर के चक्र का नाम भवरेंदु

          ३ विष्णु के चक्र का नाम कांता

(2)नारायण मेघाजी लोखंडे

विजेता-गोविंद सिंह सेवड किशनासर

चातुमार्च किसे कहते है जाने

चातुमार्च किसे कहते है जाने

व्रत, भक्ति और शुभ कर्म के 4 महीने को हिन्दू धर्म में 'चातुर्मास' कहा गया है। ध्यान और साधना करने वाले लोगों के लिए ये माह महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्थिति तो सही होती ही है, साथ ही वातावरण भी अच्छा रहता है। चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है।
जिन दिनों में भगवान् विष्णुजी शयन करते हैं उन चार महीनों को चातुर्मास एवं चौमासा भी कहते हैं, देवशयनी एकादशी से हरिप्रबोधनी एकादशी तक चातुर्मास हैं, इन चार महीनों की अवधि में विभिन्न धार्मिक कर्म करने पर मनुष्य को विशेष पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है, क्योंकि इन दिनों में किसी भी जीव की ओर से किया गया कोई भी पुण्यकर्म खाली नहीं जाता।
वैसे तो चातुर्मास का व्रत देवशयनी एकादशी से शुरु होता है, परंतु जैन धर्म में चतुर्दशी से प्रारंभ माना जाता है, द्वादशी, पूर्णिमा से भी यह व्रत शुरु किया जा सकता है,  भगवान् को पीले वस्त्रों से श्रृंगार करे तथा सफेद रंग की शैय्या पर सफेद रंग के ही वस्त्र द्वारा ढककर उन्हें शयन करायें।
पदमपुराण के अनुसार जो मनुष्य इन चार महीनों में मंदिर में झाडू लगाते हैं तथा मंदिर को धोकर साफ करते है, कच्चे स्थान को गोबर से लीपते हैं, उन्हें सात जन्म तक ब्राह्मण योनि मिलती है, जो भगवान को दूध, दही, घी, शहद, और मिश्री से स्नान कराते हैं, वह संसार में वैभवशाली होकर स्वर्ग में जाकर इन्द्र जैसा सुख भोगते हैं।
धूप, दीप, नैवेद्य और पुष्प आदि से पूजन करने वाला प्राणी अक्षय सुख भोगता है, तुलसीदल अथवा तुलसी मंजरियों से भगवान का पूजन करने, स्वर्ण की तुलसी ब्राह्मण को दान करने पर परमगति मिलती है, गूगल की धूप और दीप अर्पण करने वाला मनुष्य जन्म जन्मांतरों तक धनवान रहता है, पीपल का पेड़ लगाने, पीपल पर प्रति दिन जल चढ़ाने, पीपल की परिक्रमा करने, उत्तम ध्वनि वाला घंटा मंदिर में चढ़ाने, ब्राह्मणों का उचित सम्मान करने वाले व्यक्ति पर भगवान् श्री हरि की कृपा दृष्टि बनी रहती है।
किसी भी प्रकार का दान देने जैसे- कपिला गो का दान, शहद से भरा चांदी का बर्तन और तांबे के पात्र में गुड़ भरकर दान करने, नमक, सत्तू, हल्दी, लाल वस्त्र, तिल, जूते, और छाता आदि का यथाशक्ति दान करने वाले जीव को कभी भी किसी वस्तु की कमीं जीवन में नहीं आती तथा वह सदा ही साधन सम्पन्न रहता है।
जो व्रत की समाप्ति यानि उद्यापन करने पर अन्न, वस्त्र और शैय्या का दान करते हैं वह अक्षय सुख को प्राप्त करते हैं तथा सदा धनवान रहते हैं, वर्षा ऋतु में गोपीचंदन का दान करने वालों को सभी प्रकार के भोग एवं मोक्ष मिलते हैं, जो नियम से भगवान् श्री गणेशजी और सूर्य भगवान् का पूजन करते हैं वह उत्तम गति को प्राप्त करते हैं, तथा जो शक्कर का दान करते हैं उन्हें यशस्वी संतान की प्राप्ति होती है।
माता लक्ष्मी और पार्वती को प्रसन्न करने के लिए चांदी के पात्र में हल्दी भर कर दान करनी चाहिये तथा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बैल का दान करना श्रेयस्कर है, चातुर्मास में फलों का दान करने से नंदन वन का सुख मिलता है, जो लोग नियम से एक समय भोजन करते हैं, भूखों को भोजन खिलाते हैं, स्वयं भी नियमवद्घ होकर चावल अथवा जौं का भोजन करते हैं, भूमि पर शयन करते हैं उन्हें अक्षय कीर्ती प्राप्त होती है।
इन दिनों में आंवले से युक्त जल से स्नान करना तथा मौन रहकर भोजन करना श्रेयस्कर है, श्रावण यानि सावन के महीने में साग एवम् हरि सब्जियां, भादों में दही, आश्विन में दूध और कार्तिक में दालें खाना वर्जित है, किसी की निंदा चुगली न करें तथा न ही किसी से धोखे से उसका कुछ हथियाना चाहियें, चातुर्मास में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिये और कांसे के बर्तन में कभी भोजन नहीं करना चाहियें।
जो अपनी इन्द्रियों का दमन करता है वह अश्वमेध यज्ञ के फल को प्राप्त करता है, शास्त्रानुसार चातुर्मास एवं चौमासे के दिनों में देवकार्य अधिक होते हैं जबकि विवाह आदि उत्सव नहीं किये जाते, इन दिनों में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा दिवस तो मनाए जाते हैं परंतु नवमूर्ति प्राण प्रतिष्ठा व नवनिर्माण कार्य नहीं किये जाते, जबकि धार्मिक अनुष्ठान, श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ, श्री रामायण  और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ, हवन यज्ञ आदि कार्य अधिक होते हैं।
गायत्री मंत्र के पुरश्चरण व सभी व्रत सावन मास में सम्पन्न किए जाते हैं, सावन के महीने में मंदिरों में कीर्तन, भजन, जागरण आदि कार्यक्रम अधिक होते हैं, स्कन्दपुराण के अनुसार संसार में मनुष्य जन्म और विष्णु भक्ति दोनों ही दुर्लभ हैं, परंतु चार्तुमास में भगवान विष्णु का व्रत करने वाला मनुष्य ही उत्तम एवं श्रेष्ठ माना गया है।
चौमासे के इन चार मासों में सभी तीर्थ, दान, पुण्य, और देव स्थान भगवान् विष्णु जी की शरण लेकर स्थित होते हैं तथा चातुर्मास में भगवान विष्णु को नियम से प्रणाम करने वाले का जीवन भी शुभफलदायक बन जाता है, भाई-बहनों! चौमासे के इन चार महीनों में नियम से रहते हुयें, शुभ कार्य करते हुये, भगवान् श्री हरि विष्णुजी की भक्ति से जन्म जन्मांतरों के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करें।

कौन और क्या है राजपुरोहित


राजपुरोहित को जानना चाहते हो? मैं आपको बताता हूँ कि राजपुरोहित कौन है।
राजपुरोहित वह है जो वशिष्ठ के रूप में केवल अपना एक दंड जमीन में गाड़ देता है,जिससे विश्वामित्र के समस्त अस्त्र शस्त्र चूर हो जाते हैं और विश्वामित्र लज्जित होकर कह पड़ते हैं-
धिक बलं क्षत्रिय बलं,ब्रह्म तेजो बलं बलं।
एकेन ब्रह्म दण्डेन,सर्वस्त्राणि हतानि में।
(क्षत्रिय के बल को धिक्कार है।राजपुरोहित का तेज ही असली बल है।राजपुरोहित वशिष्ठ का एक ब्रह्म दंड मेरे समस्त अस्त्र शस्त्र को निर्वीर्य कर दिया)
राजपुरोहिता वह है जो परशुराम के रूप में एक बार नहीं,21 बार आततायी राजाओं का संहार करता है।जिसके लिए भगवान राम भी कहते हैं-
विप्र वंश करि यह प्रभुताई।
अभय होहुँ जो तुम्हहिं डेराई।
जिनके विषय मे यह श्लोक प्रसिद्ध है-
अग्रतः चतुरो वेदाः पृष्ठतः सशरं धनुः ।
इदं ब्राह्मं इदं क्षात्रं शापादपि शरादपि ।।
चार वेद मौखिक हैं अर्थात् पूर्ण ज्ञान है एवं पीठपर धनुष-बाण है, अर्थात् शौर्य है,अर्थात् यहां ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेज, दोनों हैं । जो कोई इनका विरोध करेगा, उसे शाप देकर अथवा बाणसे परशुराम पराजित करेंगे । ऐसी उनकी विशेषता है ।
राजपुरोहिता वह है,जो दधीचि के रूप में अपनी हड्डियों से बज्र बनवाकर,वृत्तासुर का अंत कराता है।जब तक धरती है,इतिहास मिट नहीं सकता
राजपुरोहित वह है,जो चाणक्य के रूप में,अपना अपमान होने पर धनानन्द को चुनौती देकर कहता है कि अब यह #शिखा तभी बँधेगी जब तुम्हारा  नाश कर दूंगा और ऐसा करके ही शिखा बाँधता है।
राजपुरोहित वह है जो अर्थ शास्त्र की ऐसी पुस्तक देता है,जो आज तक अद्वितीय है।
राजपुरोहित वह है जो पुष्य मित्र शुंग के रूप में मौर्य वंश के अंतिम सम्राट बृहद्रथ को ,उठाता है तलवार और स्वाहा कर देता है।भारत को बौद्ध होने से बचा लेता है।यवन आक्रमण की ऐसी की तैसी कर देत ब्राह्मण है
राजपुरोहित वो है जिसने महाराणा प्रताप व उनके भाई शक्ति सिंह के मध्य युद्ध को रोकने के लिए,उनके समक्ष चाकू से अपनी ही हत्या कर दिया था।पता नहीं है तो श्याम नारायन पांडेय का महाकाव्य हल्दी घाटी,प्रथम सर्ग की ये पंक्तियां पढ़ो-
उठा लिया विकराल छुरा
सीने में मारा राजपुरोहित ने।
उन दोनों के बीच बहा दी
शोणित–धारा ब्राह्मण ने।।
वन का तन रँग दिया रूधिर से
दिखा दिया¸ है त्याग यही।
निज स्वामी के प्राणों की
रक्षा का है अनुराग यही॥
राजपुरोहित था वह राजपुरोहित था¸
हित राजवंश का सदा किया।
निज स्वामी का नमक । संभव बना देता है।मूर्खों को यह समझ मे नहीं आएगा
राजपुरोहित ही थे वो द्रोणाचार्य जिनके कोप और क्रोध से बचने के लिए स्वयं ब्रह्माजी ओर भगवान श्री कृष्णा को भी वचन और कपट से उनसे ब्रह्मास्त्र का प्रयोग नही करने दिया।
आप उन महान पुर्वजो की संतान हो काल भी आपसे भयभीत रहेगा अगर आप अपने राजपुरोहितान धर्म का पालन करोगे।
इसलिए मेरे समाज के युवा भाइयो आप अपने इतिहास शौर्यता संस्कार के हिसाब से रहो लोग आपको स्वयम राष्ट्रगुरु की नजरो से देखेंगे।
अभय_सिंह_जसोल
राजपुरोहित समाज महाअधिवेशन

राजपुरोहित समाज महाअधिवेशन



श्री ब्रह्माजी का मंदिर एवं राजपुरोहित समाज विकास न्यास

(Ourrjpurohitsamaj.blogspot.com)
श्री खेतेश्वर ब्रह्माधाम तीर्थ , आसोतराजिला बाड़मेर (राजस्थान)
राजपुरोहित समाज महाअधिवेशन

(दिनांक 11 व 12 फरवरी 2018)

श्री ब्रह्मधाम आसोतरा पर राजपुरोहित समाज क के अनत श्री विभूषित ब्रह्माषि ब्रह्माचार्य ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर सद्गुरूदेव तुलछारामजी महाराज गादीपति श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा एवं अध्यक्ष श्री ब्रह्माजी का मंदिर एवं राजपुरोहित समाज विकास न्यास आसोतरा , महामंडलेश्वर पूज्यश्री निर्मलदासजी महाराजब्रह्मचारी पूज्यश्री शंकरस्वरूपजी महाराज पूज्यश्री सत्यानंदजी महाराज गादीपति रविधाम , पूज्यश्री बालकदासजी महाराज पूज्य श्री संत चेतनानंदजी सरस्वती डंडाली, पूज्य वेदान्ताचार्य डॉ. ध्यानारामजी महाराज , पूज्य श्री परशानन्दजी महाराज जोड़मठ , दण्डीस्वामी पूज्य श्री देवानन्दजी सरस्वती कालिन्द्री ,आदि संतजनों
के पावन सानिध्य में समाज के प्रबुद्धजनएवं ग्रामवार चयनित प्रतिनिधि सदस्यों की उपस्थिति में गहन चिन्तन , मनन, एव विचार के उपरात समाज हित में सर्वसहमति से निम्नानुसार निर्णय लिये गये जो कि इस प्रकार है।

(1) नशामुक्ति समाज के किसी भी कार्यक्रम , समारोहएवं सभा में जाजम पर या अलग से कमरे आदि में जाकर अफीम , डोडा का सेवन करना पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेगा ।

(2) मृत्युभोज
(1) समाज में 12 /24 खेड़ा या अन्य किसी नाम से न्यात नहीं की जायगी । साथ ही जीवित न्यात का आयोजन नहीं किया जायेगा ।
(2) समाज में 12 दिन तक डांगड़ी रात से पूर्व केवल सादा भोजन ही होगा।
किसी भी प्रकार की मिठाई का प्रयोग नहीं किया जाय ।
(3) समाज में 12वे दिन गंगाप्रसादी पर सादा भोजन बनाया जायेगा ।
लेकिन यदि मिठाई बनाई जाती है तो केवल एक ही मिठाई बनायी जाय।

3 .सगाई समारोह संबंधित नियम
(1) सगाई दस्तुरी में सादा नारियल व ग्यारह रूपये दिये जायेंगे ।
एवं हाथ में अधिकतम् 1100/- तक ही दिये जा सकेंगे ।
(2) थाळ एवं किसी प्रकार की ओढोमणी व वेष आदि नहीं कियेंगे ।
(3) सगाई के बाद मीठी कोतळी आदि । का प्रचलन बंद किया जाता है ।
(4) शादी समारोह 1बरात में अधिकतम 200 बराती ही लेजाए जाएंगे ।
(5) दहेज किसी भी रूप में दिखावा, आडंबर के रूप प्रदर्शित नहीं किया जाय
(5) दहेज आदि के रूप में थाली में अधिकतम् ग्यारह हजार रूपये तक की ही राशि ही रखी जाय।
(6) बरातियों को जवारी निमित्त 11 रूपये का लिफाफा दिया जाएगा वो भी स्वजाति और उपस्थित बरातियों को ही दिया जाय अन्य कोई उपहार नहीं दिया जाएगा।
(7) पड़ले में 11 थाळ से अधिक नहीं किये जा सकेंगे।
(8) विवाह विच्छ७द,सम्बंधी विवाद अपने समाज के लड़के एवं लड़कियों की शादी के बाद कोई विवाद उत्पन्न होने के कारण एक पक्ष न भेजें या ससुराल पक्ष वाले न ले जावें। ऐसे मामलों के यथोचित समाधान हेतु ब्रह्माधाम आसोतरा ट्रस्ट शीघ्र ही कदम उठाएगा , जिसके तहत पहले गांव स्तर पर समझाइश के प्रयास किये जाएंगे एवं साथ ही आसोतरा धाम पर न्यास के निर्देशन में एक केन्द्रीय समिति का गठन किया जाएगा जिसमें ऐसे विवादों के समाधान के प्रयास किये जाएंगे। कमेटी में ।
महिला प्रतिनिधियों को यथायोग्य स्थान दिया जाएगा। इन कमेटियों के माध्यम से वैवाहिक विवादों
के समाधान हेतु सामाजिक स्तर पर प्रयास किये जाएंगे। सुलह न होने की स्थिति में गुनाहगार पक्ष के साथ समाज बर्ताव नहीं करेगा ।
(9) राजपुरोहित समाज की हमारी उच्च सांस्कृतिक परम्पराएं मर्यादाएं अनुशासन एवं जो हमारा जीवन दर्शन रहा है। समाज में रहते हुए कोई भी व्यक्ति यदि इन परम्पराओं के विरूद्ध आचरण करता है जिससे हमारी सामाजिक एकता , समरसता , एवं मर्यादाओं को आंच आती है ऐसे व्यक्ति जो समाज की जरूरत नहीं समझता , राजपुरोहित समाज ऐसे कृत्यों की कड़े शब्दों में भत्र्सना करता है और समाज में ऐसे लोगों की कोई जरूरत नहीं है ।
(10) समाज के किसी क्षेत्र , पट्टी , परगनों में पहले से ही सुधार के जो प्रयास किये जा चुके है। जैसे मृत्युभोज में जहां मिष्ठान नशावृति , दहेज दिखावा, ओढोमणियों और भी कुरीतियों बंदकर दी गई है उनके प्रयास सराहनीय है । समाज उनका अनुसरण करने की चेष्टा करेगा।

पूज्य श्री गुरूमहाराज एवं संतर्वेदों के सानिध्य में हमारे आराध्य श्री खेतेश्वर भगवान को साक्षी मानते हुए इस महाअधिवेशन में लिए गए निर्णयों की अनुपालना सुनिश्चित हो इसके लिए समाज
के हर आम और खास व्यक्ति का यह परम कर्तव्य बतना है कि इस सुधारों का स्वयं अनुसरण करें

अध्यक्ष
श्री ब्रह्माजी का मंदिर एवं राजपुरोहित समाज विकास न्यास
श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ , आसोतरा जिला बाड़मेर (राजस्थान)