राजपुरोहित

मैं फकीर भक्त हूँ श्री खेतेश्रवराय का मैं,
अपना अंदाज औरों से जुदा रखता हूँ..
लोग मंदिर मस्जिदों में जाते है, मैं अपने
दिल में वेकुंट धाम रखता हूँ..
>>☆ॐ खेतेश्रवराय नमः☆<<

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