गुरु

शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार
या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया
है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा
जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का
ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है।
अर्थात दो अक्षरों से मिलकर बने 'गुरु' शब्द का
अर्थ - प्रथम अक्षर 'गु का अर्थ- 'अंधकार' होता
है जबकि दूसरे अक्षर 'रु' का अर्थ- 'उसको हटाने
वाला' होता है।
अर्थात् अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले
जाने वाले को 'गुरु' कहा जाता है। गुरु वह है जो
अज्ञान का निराकरण करता है अथवा गुरु वह है
जो धर्म का मार्ग दिखाता है। श्री सद्गुरु
आत्म-ज्योति पर पड़े हुए विधान को हटा देता
है।

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